प्रधानमंत्री मोदी की त्रिनिदाद यात्रा: भारतीय जड़ों का गर्व

PM मोदी की त्रिनिदाद यात्रा
PM मोदी की त्रिनिदाद यात्रा: त्रिनिदाद और टोबैगो की अपनी ऐतिहासिक यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक भावनात्मक और गर्व से भरा भाषण दिया। उन्होंने वहां की प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर की भारतीय जड़ों की खुले दिल से सराहना की। मोदी ने उन्हें "बिहार की बेटी" कहकर संबोधित किया और बताया कि उनके पूर्वज भारत के बिहार राज्य के बक्सर जिले से संबंधित हैं।
भारतीय समुदाय से संवाद
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने त्रिनिदाद और टोबैगो में भारतीय मूल के लोगों से बातचीत के दौरान कहा, "हम केवल खून या उपनाम से नहीं जुड़े हैं, बल्कि हम अपनेपन से जुड़े हैं। भारत आपकी ओर देखता है और आपका दिल से स्वागत करता है।" उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री बिसेसर स्वयं बक्सर जा चुकी हैं और वहां की धरती से भावनात्मक रूप से जुड़ी हुई हैं।
कमला बिसेसर का सम्मान
#WATCH त्रिनिदाद और टोबैगो: भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "...प्रधानमंत्री कमला जी के पूर्वज बिहार के बक्सर में रहा करते थे। कमला जी स्वयं वहां जाकर भी आई हैं। लोग इन्हें बिहार की बेटी मानते हैं। यहां उपस्थित अनेक लोगों के पूर्वज बिहार से ही आए हैं।… pic.twitter.com/bmdy6TiVt2
— News Media (@NewsMedia) July 4, 2025
बिहार की सांस्कृतिक विरासत
यह टिप्पणी भारतीय प्रवासी समुदाय के साथ पीएम मोदी के गहरे भावनात्मक जुड़ाव को दर्शाती है। उन्होंने कहा, "लोग कमला बिसेसर को ‘बिहार की बेटी’ मानते हैं और इसमें गर्व की भावना छिपी है। यह हमारी साझा विरासत है।"
बिहार का योगदान
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में बिहार की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि यह राज्य हमेशा से शिक्षा, राजनीति, न्याय और सामाजिक परिवर्तन के विभिन्न क्षेत्रों में मार्गदर्शन करता आया है। "बिहार की विरासत भारत और पूरी दुनिया के लिए एक गौरव है।"
21वीं सदी में बिहार
उन्होंने आगे कहा, "21वीं सदी में भी बिहार नई संभावनाओं और अवसरों का केंद्र बनकर उभरेगा।" इस यात्रा और संबोधन के जरिए प्रधानमंत्री मोदी ने वैश्विक मंच पर भारत और भारतीय मूल के लोगों की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक जड़ों को फिर से उजागर किया। यह बयान खास तौर पर उन लाखों प्रवासी भारतीयों के लिए भावनात्मक था, जो अपनी जड़ों से गहराई से जुड़े हुए हैं।
भारतीय समुदाय के लिए पवित्र जल
साथ ही, उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भारतीय समुदाय द्वारा भेजे गए 'शिला' और पवित्र जल के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने त्रिनिदाद और टोबैगो के भारतीय समुदाय के लोगों के लिए अयोध्या में राम मंदिर की प्रतिकृति और सरयू नदी तथा कुंभ का पवित्र जल भी साथ लाने की बात की, जो उनके लिए सम्मान की बात है.