प्रधानमंत्री मोदी की पांच देशों की यात्रा: कूटनीति से व्यापार तक का प्रभाव

प्रधानमंत्री की महत्वपूर्ण यात्रा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आगामी यात्रा, जो 2 से 9 जुलाई तक चलेगी, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के पांच महत्वपूर्ण देशों का दौरा करेगी। इस यात्रा में घाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया शामिल हैं। यात्रा का समापन रियो डी जेनेरियो में ब्रिक्स सम्मेलन में होगा, जो 6 और 7 जुलाई को आयोजित किया जाएगा।जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले ने भारत को आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता की मांग करने के लिए मजबूर किया है। इस हमले के बाद भारत ने 7 मई को 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया, जिसका लक्ष्य पाकिस्तान में स्थित आतंकी नेटवर्क को निशाना बनाना था।
मोदी इस यात्रा के दौरान ब्रिक्स देशों से आतंकवाद के खिलाफ एकजुट कदम उठाने की अपील करेंगे। विदेश मंत्रालय के आर्थिक संबंध सचिव दम्मू रवि ने कहा है कि ब्रिक्स देशों ने भारत की चिंताओं को गंभीरता से लिया है।
ब्रिक्स सम्मेलन इस बार कुछ असामान्य रहेगा, क्योंकि इसमें चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन शामिल नहीं होंगे। फिर भी, भारत की भागीदारी यह दर्शाएगी कि देश इस मंच के प्रति प्रतिबद्ध है।
प्रधानमंत्री की यह यात्रा भारत की नीति का विस्तार है, जिसमें उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं के साथ सहयोग बढ़ाना मुख्य उद्देश्य है। घाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया के साथ व्यापार, रक्षा, ऊर्जा, और डिजिटल भुगतान पर चर्चा होगी।
इस यात्रा का एक ऐतिहासिक पहलू यह है कि मोदी घाना जाने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री होंगे। घाना के साथ भारत का द्विपक्षीय व्यापार 3 बिलियन डॉलर को पार कर चुका है। वहीं, नामीबिया में भी एक महत्वपूर्ण समझौता होगा, जो डिजिटल लेन-देन को नई दिशा देगा।
8 जुलाई को, मोदी ब्राजील के राष्ट्रपति लुईज़ इनासियो लूला दा सिल्वा से मिलेंगे, जहां व्यापार, ऊर्जा, और तकनीक के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा होगी।