प्रधानमंत्री मोदी की साइप्रस यात्रा: भारत-साइप्रस संबंधों में नई ऊँचाई

प्रधानमंत्री मोदी की आधिकारिक यात्रा का आगाज़
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को साइप्रस की दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा की शुरुआत की। लारनाका अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उनका स्वागत साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस ने किया। यह यात्रा राष्ट्रपति के निमंत्रण पर हो रही है और इसमें प्रधानमंत्री क्रोएशिया और कनाडा में जी7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने का भी कार्यक्रम है।
साइप्रस में शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात
साइप्रस में अपने प्रवास के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी वहां के शीर्ष नेताओं से मुलाकात करेंगे। इन बैठकों में व्यापार, निवेश, शिक्षा, विज्ञान-प्रौद्योगिकी और सांस्कृतिक सहयोग जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की जाएगी। प्रधानमंत्री ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा कि साइप्रस पहुंचकर उन्हें खुशी हुई। राष्ट्रपति क्रिस्टोडौलिडेस द्वारा हवाई अड्डे पर किया गया स्वागत दोनों देशों के बीच मजबूत संबंधों का प्रतीक है।
भारतीय समुदाय से संवाद
मोदी ने भारतीय समुदाय के सदस्यों से भी मुलाकात की और उनके समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने भारत और साइप्रस के बीच संबंधों को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई।
23 वर्षों में पहली बार भारतीय प्रधानमंत्री का दौरा
यह यात्रा पिछले 23 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की साइप्रस की पहली यात्रा है। इससे पहले अटल बिहारी वाजपेयी और इंदिरा गांधी ने यहां का दौरा किया था। यह दौरा द्विपक्षीय संबंधों को पुनर्जीवित करने के साथ-साथ तुर्की को एक रणनीतिक संदेश भी भेजता है।
व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा
आर्थिक संबंधों के संदर्भ में, साइप्रस के प्रमुख बैंक 'यूरोबैंक' ने हाल ही में मुंबई में अपना प्रतिनिधि कार्यालय खोला है, जिससे भारतीय कंपनियों को यूरोपीय बाजार में प्रवेश में मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति क्रिस्टोडौलिडेस व्यापारिक नेताओं के साथ गोलमेज बैठक में भाग लेंगे, जहां निवेश और व्यापार को बढ़ाने पर चर्चा होगी।
औपचारिक स्वागत और सम्मान
सोमवार को राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री का औपचारिक स्वागत होगा और उन्हें साइप्रस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकारियोस III' से सम्मानित किया जाएगा। इसके बाद प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ताएं होंगी, जिनमें निवेश, बुनियादी ढांचा, व्यापार और यूरोपीय संघ-भारत संबंधों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।