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प्रधानमंत्री मोदी ने GST सुधार पर की महत्वपूर्ण चर्चा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने GST सुधार पर अपने संबोधन में 1 जुलाई 2017 से लागू हुए नए टैक्स प्रणाली के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कैसे GST ने लगभग 17 प्रकार के अप्रत्यक्ष करों को समाप्त किया और राज्यों में अलग-अलग टैक्स वसूली के नियमों को एकीकृत किया। इस संबोधन में मोदी ने टैक्स प्रणाली में सुधार के महत्व पर जोर दिया और नागरिकों को नई व्यवस्था के लाभों के बारे में बताया।
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प्रधानमंत्री मोदी ने GST सुधार पर की महत्वपूर्ण चर्चा

GST सुधार पर प्रधानमंत्री का संबोधन

GST सुधार: रविवार, 21 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को संबोधित करते हुए GST सुधार के विषय में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने GST लागू होने से पूर्व वसूले जाने वाले विभिन्न टैक्सों की व्यवस्था पर भी प्रकाश डाला। 1 जुलाई 2017 से लागू GST ने भारत में उत्पाद शुल्क, वैट, सेवा कर जैसे लगभग 17 प्रकार के अप्रत्यक्ष करों को समाप्त कर दिया। इसके बाद तीन प्रकार के टैक्स वसूलने की नीति बनाई गई।


राज्यों में अलग-अलग टैक्स वसूली के नियम

देश में 1 जुलाई 2017 से पहले कई अप्रत्यक्ष करों का प्रावधान था, जैसे सेवा कर, मूल्य वर्धित कर (वैट), केंद्रीय उत्पाद शुल्क आदि। ये टैक्स सप्लाई चेन के विभिन्न चरणों में लगाए जाते थे। कुछ कर राज्यों द्वारा और कुछ केंद्र द्वारा नियंत्रित होते थे। वस्तुओं और सेवाओं पर कोई एकीकृत कर नहीं था, जिसे ध्यान में रखते हुए GST लागू किया गया। GST के तहत, सभी प्रमुख अप्रत्यक्ष करों को एक ही टैक्स में समाहित किया गया। पहले की कर व्यवस्था में राज्य और केंद्र दोनों द्वारा कई अप्रत्यक्ष कर लगाए जाते थे, और हर राज्य में टैक्स वसूली के नियम अलग-अलग थे।


GST के तहत समाप्त किए गए टैक्स

GST लागू होते ही कई टैक्स समाप्त कर दिए गए, जिनमें केंद्रीय उत्पाद शुल्क, एक्साइज ड्यूटी (औषधीय और शौचालय की तैयारी), अतिरिक्त उत्पाद शुल्क, कस्टम ड्यूटी, सेवा कर, राज्य वैट, केंद्रीय बिक्री कर, खरीद कर, लग्जरी कर, एंट्री कर, मनोरंजन कर, विज्ञापन पर कर, लॉटरी, सट्टेबाजी और जुए पर कर, राज्य सेस और सरचार्ज आदि शामिल हैं।