प्रधानमंत्री मोदी ने जीएसटी 2.0 सुधारों को बताया विकास का नया युग

जीएसटी 2.0 का ऐलान
केंद्र सरकार ने "जीएसटी 2.0" के तहत दो-स्तरीय कर प्रणाली को लागू करने की घोषणा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे भारत के लिए विकास और समर्थन की नई दिशा बताया। उन्होंने यूपीए सरकार के कर ढांचे पर भी कड़ा प्रहार किया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उपभोक्ता वस्तुओं, दवाओं और ऑटोमोबाइल्स पर करों में कटौती की घोषणा की, साथ ही लक्जरी और सिन गुड्स पर 40% का विशेष उच्च कर स्लैब लागू किया।
जीएसटी परिषद की बैठक का निर्णय
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, 56वीं जीएसटी परिषद की बैठक में कर दरों को तर्कसंगत बनाने का निर्णय लिया गया, जिसमें 12% और 28% के स्लैब को समाप्त किया गया। नई संरचना 22 सितंबर से लागू होगी, जिसमें 5% और 18% की दरें होंगी, जबकि लक्जरी सामान के लिए 40% का नया स्लैब होगा। हालांकि, तंबाकू उत्पादों पर 28% जीएसटी और मुआवजा उपकर तब तक लागू रहेगा जब तक लोन चुकता नहीं हो जाता।
प्रधानमंत्री का बयान
During my Independence Day Speech, I had spoken about our intention to bring the Next-Generation reforms in GST.
— Narendra Modi (@narendramodi) September 3, 2025
The Union Government had prepared a detailed proposal for broad-based GST rate rationalisation and process reforms, aimed at ease of living for the common man and…
प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली में राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा, "मीडिया ने इन सुधारों को जीएसटी 2.0 का नाम दिया है, लेकिन मैं इसे विकास और समर्थन की दोहरी खुराक कहता हूं। यह आम परिवारों के लिए बचत लाएगा और राष्ट्र की अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा।"
उपभोक्ताओं को राहत
नई संरचना के तहत 175 उपभोक्ता वस्तुएं, जैसे दूध, पनीर, स्नैक्स और ब्रेड, सस्ती होंगी। हेयर ऑयल, टॉयलेट साबुन, शैंपू, टूथब्रश, टेबलवेयर और किचनवेयर अब 5% कर स्लैब में आएंगे। यूएचटी दूध, पनीर, छेना और सभी प्रकार की भारतीय ब्रेड पर कर 5% से शून्य हो गया है।
अर्थव्यवस्था को मिला नया लाभ
प्रधानमंत्री ने जीएसटी सुधारों को अर्थव्यवस्था के लिए 'पंचरत्न' करार देते हुए कहा, "यह सुधार टैक्स सिस्टम को सरल बनाएंगे, लोगों का जीवन स्तर बढ़ाएंगे, उपभोग और विकास को गति देंगे।"
विशेषज्ञों की चेतावनी
विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि इन कर कटौतियों से केंद्र और राज्यों की राजस्व स्थिति प्रभावित हो सकती है। फिर भी, जीएसटी 2.0 रोजमर्रा की जरूरतों को सस्ता बनाने और लक्जरी वस्तुओं पर उच्च कर लगाने का वादा करता है।