प्रधानमंत्री मोदी ने बाढ़ प्रभावित राज्यों के लिए 3,100 करोड़ रुपये की सहायता की घोषणा
बाढ़ राहत के लिए वित्तीय सहायता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाढ़ से प्रभावित पंजाब और हिमाचल प्रदेश के लिए 3,100 करोड़ रुपये की सहायता राशि की घोषणा की है। इन दोनों राज्यों में मृतकों के परिवारों को 2 लाख रुपये और गंभीर रूप से घायलों को 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि प्रदान की जाएगी। पंजाब 1988 के बाद से सबसे गंभीर बाढ़ का सामना कर रहा है, जबकि हिमाचल प्रदेश में बाढ़ और भूस्खलन ने व्यापक तबाही मचाई है। प्रधानमंत्री ने प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया और गुरदासपुर में बाढ़ प्रभावित लोगों से मुलाकात की। उन्होंने एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों से भी बातचीत की और अधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा की। बाढ़ से निपटने के लिए पंजाब को 1,600 करोड़ रुपये की सहायता देने की घोषणा की गई।
पंजाब में बाढ़ के कारण 2,064 गांव प्रभावित हुए हैं, जिनमें से 329 गांव गुरदासपुर जिले में हैं। राज्य में मरने वालों की संख्या 51 हो गई है, और 1.84 लाख हेक्टेयर फसलें बर्बाद हो गई हैं। राज्य सरकार ने बाढ़ से होने वाले नुकसान का अनुमान 13,000 करोड़ रुपये से अधिक लगाया है। इसी दिन, प्रधानमंत्री मोदी ने हिमाचल प्रदेश के लिए 1,500 करोड़ रुपये की तत्काल राहत की घोषणा की। उन्होंने कांगड़ा में अधिकारियों के साथ बैठक की और राहत एवं पुनर्वास उपायों की समीक्षा की।
इस आपदा के समय में भी राहत पैकेज को लेकर राजनीति हो रही है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। पंजाब में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा घोषित राहत पैकेज पर विवादास्पद बयान दिए हैं। प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि यह एक प्रारंभिक राहत है, और केंद्रीय टीमें अपनी रिपोर्ट देने के बाद और सहायता की घोषणा की जाएगी।
पंजाब सरकार 20,000 करोड़ रुपये की मांग कर रही है, जबकि अधिकारियों ने 13,000 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया है। इससे यह स्पष्ट होता है कि वास्तविक नुकसान का आकलन अभी नहीं किया जा सका है। पानी कम होने पर ही स्थिति स्पष्ट होगी। किसानों ने सुझाव दिया है कि राहत राशि सीधे उनके खातों में भेजी जाए, क्योंकि 2023 की बाढ़ के प्रभावितों को अभी तक कोई राशि नहीं मिली है।
पंजाब सरकार को यह समझना होगा कि यह सुझाव कम और आरोप अधिक हैं, जिससे उनकी कार्यक्षमता पर सवाल उठता है। नए राहत पैकेज से पहले 2023 की राहत राशि किसानों को मिलना आवश्यक है। सभी राजनीतिक दलों को एकजुट होकर राहत कार्यों में जुटना चाहिए और केंद्र सरकार को स्थिति की रिपोर्ट जल्द से जल्द भेजनी चाहिए।
-इरविन खन्ना, मुख्य संपादक।