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प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार में चुनाव प्रचार का समापन किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेतिया में अपनी अंतिम जनसभा के दौरान बिहार के विकास और एनडीए के समर्थन की बात की। उन्होंने चंपारण की ऐतिहासिकता, कर्पूरी ठाकुर को श्रद्धांजलि, और जंगलराज के दिनों की याद दिलाई। मोदी ने बिहार की जनता से अपील की कि वे एनडीए को फिर से सत्ता में लाएं। जानें उनके भाषण की मुख्य बातें और चुनावी अभियान के दौरान की गई घोषणाएं।
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प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार में चुनाव प्रचार का समापन किया

बेतिया में अंतिम जनसभा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेतिया में अपनी अंतिम जनसभा के साथ बिहार में चुनाव प्रचार का समापन किया। उन्होंने सभा में कहा कि इस चुनाव अभियान में बिहार के सपनों और संकल्पों पर गहन चर्चा हुई है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह चुनाव एनडीए का नहीं, बल्कि बिहार की जनता का है।


चंपारण का महत्व

मोदी ने चंपारण को सत्याग्रह और संकल्प की भूमि बताते हुए कहा कि विकसित बिहार के संकल्प के साथ चंपारण की भूमिका महत्वपूर्ण है।


कर्पूरी ठाकुर को श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री ने 'भारत रत्न' जननायक कर्पूरी ठाकुर को याद करते हुए कहा कि यह चुनाव अभियान उनकी पवित्र जन्मस्थली से शुरू हुआ था। आज चंपारण में उनकी अंतिम सभा है।


जनता का समर्थन

उन्होंने कहा कि बिहार के युवा, महिलाएं, गरीब और किसान एनडीए के समर्थन में चुनाव प्रचार में सक्रिय रूप से शामिल हुए हैं। मोदी ने यह भी बताया कि उनके चुनावी अभियान के दौरान हर रैली ने पिछले रिकॉर्ड तोड़े।


सामाजिक न्याय की परिभाषा

मोदी ने बिहार को सामाजिक न्याय का उदाहरण बताते हुए कहा कि यह राज्य समृद्ध भारत का नया प्रतीक बनेगा। उन्होंने बेतिया और चंपारण का आशीर्वाद मांगा।


जंगलराज की याद

प्रधानमंत्री ने जंगलराज के दिनों को याद करते हुए कहा कि राजद ने चंपारण को लठैतों और डकैतों का गढ़ बना दिया था। उन्होंने बताया कि जहां कानून का राज खत्म होता है, वहां गरीब और वंचित सबसे अधिक प्रभावित होते हैं।


आखिरी नारा

अपनी अंतिम जनसभा में मोदी ने 'नहीं चाहिए कट्टा सरकार, फिर एक बार एनडीए सरकार' का नारा दिया।


सुशासन का अनुभव

उन्होंने बिहार के लोगों से कहा कि आपने नीतीश जी के नेतृत्व में एनडीए का सुशासन और शांति देखी है। यह हम सबकी जिम्मेदारी है कि इसे जंगलराज से बचाए रखें।