प्रयागराज में "नो हेलमेट, नो पेट्रोल" नियम की वास्तविकता
नियम का पालन या उल्लंघन?
प्रयागराज में 1 सितंबर से लागू हुए "नो हेलमेट, नो पेट्रोल" नियम की स्थिति पर सवाल उठ रहे हैं। क्या यह नियम केवल कागजों तक सीमित रहेगा? पहले दिन ही कई पेट्रोल पंपों पर इसके उल्लंघन के मामले सामने आए। यह नियम जनता की सुरक्षा के लिए बनाया गया है, लेकिन वास्तविकता कुछ और ही दर्शा रही है।कानपुर रोड पर एक ऑटो पेट्रोल पंप पर एक पुलिस कांस्टेबल बिना हेलमेट के अपनी बाइक में पेट्रोल भरवाते हुए देखा गया। यह तब हुआ जब वहां "नो हेलमेट, नो पेट्रोल" का बड़ा बैनर भी लगा हुआ था। ऐसे में सवाल उठता है कि जब नियम लागू करने वाले ही इसका पालन नहीं कर रहे हैं, तो आम जनता से इसकी उम्मीद कैसे की जा सकती है?
गऊघाट क्षेत्र के पेट्रोल पंप पर भी स्थिति चिंताजनक थी। यहां न तो कोई चेतावनी का बोर्ड था और न ही किसी कर्मचारी ने बिना हेलमेट वाले ग्राहकों को पेट्रोल देने से मना किया। कर्मचारी न केवल नियमों की अनदेखी कर रहे थे, बल्कि उनकी सुरक्षा की भी परवाह नहीं थी।
शहर के कई प्रमुख क्षेत्रों जैसे कल्याणी देवी, सिविल लाइंस, हाईकोर्ट चौराहा, तेलियरगंज और चुंगी में भी यह नियम प्रभावी नहीं दिखा। कई स्थानों पर बिना हेलमेट वालों को खुलेआम पेट्रोल दिया गया। अधिकारियों की लापरवाही के कारण पेट्रोल पंप संचालक भी इस नियम को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।
हालांकि, कुछ पेट्रोल पंपों पर नियम का पालन होता दिखा। संगम पेट्रोल पंप पर कई दोपहिया वाहन चालकों को बिना हेलमेट के पेट्रोल नहीं दिया गया। आरटीओ विभाग ने कहा है कि भविष्य में और सख्ती की जाएगी और चालान की कार्रवाई की जाएगी।