प्रयागराज में रेलवे ने अवैध वसूली पर लगाम लगाने के लिए नई तकनीक का किया उपयोग

प्रयागराज में रेलवे की नई पहल
प्रयागराज की ताजा खबर: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में उत्तर मध्य रेलवे मंडल ने यात्रियों से अवैध वसूली को रोकने के लिए अत्याधुनिक तकनीक का सहारा लिया है। इस योजना के तहत विक्रेताओं की निगरानी के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी पहचान और क्यूआर कोड आधारित पहचान पत्र बनाए जाएंगे। इस तकनीक के लागू होने से यात्रियों को उचित दामों पर गुणवत्तापूर्ण सामग्री मिलेगी, जिससे उनकी आर्थिक बचत होगी।
प्रयागराज मंडल के वाणिज्य विभाग ने एक विशेष सॉफ्टवेयर विकसित करने की प्रक्रिया शुरू की है, जिसमें प्रत्येक विक्रेता का डेटा, जैसे सत्यापन विवरण, चिकित्सा प्रमाण पत्र और अन्य आवश्यक जानकारी दर्ज की जाएगी। यह सॉफ्टवेयर एक क्लिक पर विक्रेताओं से संबंधित सभी जानकारी अधिकारियों को उपलब्ध कराएगा। प्रयागराज जंक्शन समेत अन्य स्टेशनों पर 500 से अधिक विक्रेता कार्यरत हैं। इस प्रणाली को मंडल के 151 स्टेशनों पर चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।
विक्रेताओं को दिए जाने वाले आरएफआईडी कार्ड में एक चिप (टैग) होगी, जो रेडियो फ्रीक्वेंसी के माध्यम से विक्रेता की पहचान, दुकान और प्लेटफॉर्म की जानकारी संग्रहित और ट्रांसमिट करेगी। प्रयागराज मंडल में 151 स्टेशन हैं, जिनमें कानपुर सेंट्रल, प्रयागराज और छिवकी स्टेशनों पर सबसे अधिक विक्रेता हैं। इन तीनों स्टेशनों पर 500 से ज्यादा विक्रेता कार्यरत हैं। इस तकनीक के लागू होने से रेलवे के लिए विक्रेताओं की गतिविधियों पर नजर रखना आसान हो जाएगा, जिससे यात्रियों को तय कीमत पर गुणवत्तापूर्ण खाद्य सामग्री और अन्य सुविधाएं मिल सकेंगी। आरएफआईडी कैसे काम करता है?
वास्तव में, अब अवैध विक्रेता असली विक्रेताओं की ड्रेस पहनकर घूमते हुए पकड़े गए हैं। इसके बाद अब नई व्यवस्था लागू की जा रही है। इस डिजिटल प्रणाली से विक्रेताओं की निगरानी रीयल टाइम में संभव होगी, जिससे अवैध वेंडिंग पर प्रभावी रोक लगेगी। पारदर्शिता और नियंत्रण बढ़ेगा, जिससे यात्रियों को अधिक सुरक्षित और भरोसेमंद सेवा मिलेगी। - हिमांशु शुक्ला, सीनियर डीसीएम, प्रयागराज मंडल