प्रशांत किशोर ने बिहार में अवैध प्रवासियों पर उठाए गंभीर सवाल

प्रेस वार्ता में उठाए गए मुद्दे
सहरसा, बिहार में जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान चुनाव आयोग और नीतीश कुमार की सरकार पर तीखे सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि यदि आयोग यह स्वीकार करता है कि राज्य में बड़ी संख्या में नेपाली और बांग्लादेशी नागरिक मौजूद हैं, तो यह न केवल सुरक्षा के लिए गंभीर चिंता का विषय है, बल्कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर भी सवाल उठाता है।
मतदाता सूची में विदेशी नागरिकों की मौजूदगी
प्रशांत किशोर ने बताया कि चुनाव आयोग ने मतदाता सूची के पुनरीक्षण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यदि आयोग मानता है कि इसमें विदेशी नागरिक शामिल हैं, तो यह लोकतंत्र के लिए एक बड़ा खतरा है। उन्होंने यह भी पूछा कि क्या इसका मतलब यह है कि पिछले लोकसभा चुनावों में भी विदेशी नागरिकों की संख्या अधिक थी? यदि ऐसा है, तो इससे चुनाव की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल उठते हैं।
बिहार सरकार पर गंभीर आरोप
किशोर ने यह भी सवाल उठाया कि जब बिहार में भाजपा-नीतीश की सरकार है, तो अवैध रूप से रहने वाले लोग कैसे यहां रह रहे हैं? उन्होंने कहा कि इन लोगों को रहने, सुविधाएं पाने और वोट डालने का अधिकार किसने दिया? उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस प्रशासन इस मामले में पूरी तरह असफल रहा है और सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि इन विदेशी नागरिकों को कैसे स्थान मिला।
जनता को गुमराह करने का आरोप
प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि जनता को सच्चाई से दूर रखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि जब सरकारी तंत्र ही अवैध प्रवासियों को अनुमति देता है, तो आम जनता कैसे विश्वास कर सकती है कि राज्य की सुरक्षा और लोकतांत्रिक प्रक्रिया सुरक्षित है। उन्होंने नीतीश कुमार सरकार से मांग की कि इस मामले में पारदर्शिता लानी चाहिए और जनता को बताना चाहिए कि अब तक क्या कार्रवाई की गई है।