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प्रियंका गांधी का संसद में जोरदार हमला: गृह मंत्री पर उठाए सवाल

कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने संसद में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह को निशाने पर लिया। उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र करते हुए सवाल उठाया कि जब 26 लोग मारे गए, तब गृह मंत्री ने इस्तीफा क्यों नहीं दिया। प्रियंका ने अपने परिवार की पीड़ा साझा करते हुए कहा कि यह केवल राजनीतिक बहस नहीं है, बल्कि उन परिवारों के लिए न्याय की मांग है। उन्होंने अतीत के इस्तीफों का उदाहरण देते हुए वर्तमान सरकार से जवाबदेही की मांग की।
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प्रियंका गांधी का संसद में जोरदार हमला: गृह मंत्री पर उठाए सवाल

संसद में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा

कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने संसद में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चल रही चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह को सीधे निशाने पर लिया। उन्होंने पूछा कि जब पहलगाम में आतंकी हमले में 26 लोगों की जान गई, तब अमित शाह ने इस्तीफा क्यों नहीं दिया? प्रियंका ने सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि इस गंभीर घटना के लिए किसी ने भी जिम्मेदारी नहीं ली।


सोनिया गांधी के आँसुओं का जिक्र

मां के दर्द पर प्रियंका का बयान

प्रियंका ने लोकसभा में अपने परिवार की पीड़ा साझा करते हुए अमित शाह के उस बयान का विरोध किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि बटला हाउस मुठभेड़ में मारे गए आतंकियों पर सोनिया गांधी रोई थीं। प्रियंका ने कहा, "मेरी मां के आँसू तब गिरे थे जब मेरे पिता को आतंकियों ने शहीद किया था, और तब वे केवल 46 वर्ष की थीं।"


26 परिवारों के दर्द की बात

प्रियंका का संवेदनशीलता का आह्वान

प्रियंका गांधी ने कहा कि वह सदन में उन 26 परिवारों के दर्द की बात कर रही हैं क्योंकि उन्होंने स्वयं आतंकवाद के कारण परिवारिक क्षति झेली है। यह केवल राजनीतिक बहस नहीं है, बल्कि उन लोगों के लिए न्याय की मांग है जो पहलगाम में मारे गए।


इस्तीफे की मांग

अतीत की याद दिलाते हुए सवाल

उन्होंने याद दिलाया कि 2008 के मुंबई हमलों के बाद उस समय के गृह मंत्री शिवराज पाटिल और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख ने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दिया था। प्रियंका ने पूछा, "जब उस समय इस्तीफे हो सकते थे, तो आज क्यों नहीं?"


राजनाथ सिंह की प्रतिक्रिया पर सवाल

गंभीरता की कमी पर कटाक्ष

प्रियंका ने कहा कि जब कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने सदन में सरकार से जवाबदेही की मांग की, तो राजनाथ सिंह सिर हिला रहे थे, जबकि अमित शाह मुस्कुरा रहे थे। उन्होंने इसे गंभीर विषय पर असंवेदनशीलता बताया।


सरकार की जिम्मेदारी पर जोर

प्रियंका का स्पष्ट संदेश

प्रियंका ने कहा कि केंद्र सरकार कितने भी 'ऑपरेशन' कर ले, लेकिन यह सच नहीं बदल सकता कि बैसरन वैली में मारे गए 26 लोगों को सुरक्षा नहीं दी गई थी। उन्होंने कहा, "वे भगवान भरोसे थे।"


जवाबदेही की मांग

सहानुभूति और जवाबदेही की आवश्यकता

प्रियंका गांधी का यह भाषण केवल एक राजनीतिक प्रतिक्रिया नहीं है, बल्कि सहानुभूति और जवाबदेही की मांग है। उन्होंने कहा कि सरकार को केवल सर्जिकल ऑपरेशन और बयानबाज़ी नहीं करनी चाहिए, बल्कि जवाबदेह बनना चाहिए।