फतेहपुर में मकबरा-मंदिर विवाद: तनाव बढ़ने के बीच प्रशासन की सख्ती

फतेहपुर में विवाद की स्थिति
Fatehpur: उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में मकबरा और मंदिर के बीच का विवाद गहराता जा रहा है। जन्माष्टमी से पहले एक विवादास्पद पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें 16 अगस्त को फतेहपुर के मकबरे के पास जुटने का आह्वान किया गया था। इस पोस्ट में लिखा गया था, 'उठो इस्लाम के शेरों, उठने का वक्त है, चलो फतेहपुर।' इस भड़काऊ संदेश के जवाब में कुछ हिंदू संगठनों ने उसी दिन मकबरे में कीर्तन करने का निर्णय लिया, जिससे क्षेत्र में तनाव और बढ़ गया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस और प्रशासन ने अलर्ट मोड में काम करना शुरू कर दिया है। 15 थानों की फोर्स, पीएसी और पड़ोसी जिलों से अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया है।
भड़काऊ पोस्ट पर कार्रवाई
पुलिस ने @up-71 fatehpur नामक फेसबुक आईडी से किए गए भड़काऊ पोस्ट को हटाने का आदेश दिया। यह पोस्ट वायरल होने के बाद कई ग्रुपों में शेयर किया जा रहा था, जिस पर पुलिस ने आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया और दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया। प्रशासन ने इलाके में बीएनएस की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू की है। पुलिस के अनुसार, मोहम्मद मोजफर इमरान और अखंड प्रताप सिंह के खिलाफ भी आपत्तिजनक टिप्पणियों के आरोप में केस दर्ज किया गया है और सभी विवादित पोस्ट हटवा दी गई हैं।
संवेदनशील क्षेत्र की सुरक्षा
अबू नगर रेडाइया मोहल्ले में मकबरे के एक किलोमीटर के दायरे को पूरी तरह से सील कर दिया गया है। प्रशासन ने मीडिया की एंट्री पर भी रोक लगा दी है। 11 अगस्त को भाजपा जिलाध्यक्ष के आह्वान पर जुटी भीड़ ने मकबरे को मंदिर बताते हुए पूजा-अर्चना की और मजार में तोड़फोड़ की थी, जिसके बाद से विवाद और बढ़ गया। जन्माष्टमी को देखते हुए विशेष अलर्ट जारी किया गया है। मकबरे के 500 मीटर दायरे में पांच थानों की पुलिस तैनात है, साथ ही ट्रिपल-लेयर बैरिकेडिंग की गई है और 15 थानों की फोर्स मुस्तैद है।
पुलिस की अपील
कोतवाली प्रभारी तारकेश्वर राय ने लोगों से अपील की है कि वे सोशल मीडिया पर किसी भी तरह की भड़काऊ पोस्ट न डालें। उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसा करते पकड़े जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
आपत्तिजनक पोस्ट पर केस दर्ज
फतेहपुर मामले में सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट्स के संबंध में दो मामलों में केस दर्ज किए गए हैं। पुलिस के अनुसार, मोहम्मद मोजफर इमरान ने फेसबुक पर आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट की और महिलाओं के अर्धनग्न फोटो के साथ भड़काऊ टिप्पणियां कीं। इसके बाद अखंड प्रताप सिंह द्वारा भी समुदाय विशेष पर विवादास्पद टिप्पणी की गई, जिससे माहौल और बिगड़ा।
11 अगस्त को हुई झड़प के बाद तनाव
11 अगस्त को बजरंग दल, हिंदू महासभा समेत कई संगठनों के करीब 2,000 कार्यकर्ता ईदगाह स्थित मकबरे पर पहुंचे थे। कार्यकर्ताओं ने मकबरे को मंदिर घोषित कर तोड़फोड़ की और वहां भगवा झंडा फहराया। हिंदू महासभा के प्रांत उपाध्यक्ष मनोज त्रिवेदी ने वहीं पूजा-पाठ भी किया। इसके बाद मुस्लिम समुदाय के लगभग 1,500 लोग भी मौके पर एकत्र हो गए और दोनों पक्षों में पथराव हुआ। स्थिति को काबू में करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और 10 थानों की फोर्स तैनात करनी पड़ी थी।