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फतेहाबाद में बाढ़ संकट: किसानों की समस्याएं बढ़ीं

फतेहाबाद जिले में बाढ़ के कारण 170 गांवों के किसानों की स्थिति गंभीर हो गई है। 77,000 एकड़ खेतों में जलभराव हो गया है, जिससे फसलें बर्बाद हो चुकी हैं। किसान अब प्रशासन से जल निकासी और मुआवजे की मांग कर रहे हैं। जानें इस संकट के बारे में और किसानों की समस्याओं का समाधान कैसे किया जा सकता है।
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फतेहाबाद में बाढ़ संकट: किसानों की समस्याएं बढ़ीं

फतेहाबाद में बाढ़ की स्थिति

फतेहाबाद बाढ़ संकट, (फतेहाबाद) : फतेहाबाद जिले में लगातार हो रही बारिश और सेम की समस्या ने 170 गांवों के किसानों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। लगभग 77,000 एकड़ कृषि भूमि में जलभराव हो गया है, जिसमें से 25,000 एकड़ से पानी निकाल लिया गया है। बड़ोपल, खाराखेड़ी, भट्ट एरिया और आस-पास के गांवों में स्थिति गंभीर है, जहां खेतों में 4 फीट तक पानी भरा हुआ है। इससे फसलें पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं, और ढाणियों की छतें गिरने का खतरा बढ़ गया है। परेशान किसान अब 15 सितंबर को जिला प्रशासन से मिलकर जल निकासी, ड्रेनों को पक्का करने और प्रति एकड़ 40,000 रुपये मुआवजे की मांग करेंगे।


किसानों की स्थिति

किसानों की हालत खराब

अखिल भारतीय किसान सभा ने जिला प्रधान विष्णुदत्त के नेतृत्व में बड़ोपल और आस-पास के गांवों का दौरा किया। टीम ने देखा कि खेतों में 100% फसलें डूब गई हैं, और ढाणियों की स्थिति इतनी खराब है कि कभी भी छत गिर सकती है। किसानों का कहना है कि सरकार की आर्थिक मदद अपर्याप्त है, और राहत अब तक नहीं पहुंची। सभा ने मांग की है कि गिरदावरी, ढाणियों का सर्वे और उचित मुआवजा जल्द दिया जाए।


21 सदस्यीय समिति का गठन

21 सदस्यीय कमेटी गठित

किसानों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए बड़ोपल में एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें 21 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया। राजेंद्र प्रसाद बिश्नोई को संयोजक चुना गया, और महेंद्र सिंह, हीरा लाल, हनुमान सिंह, ओमप्रकाश, जोगी राम, चाणन, विजय पाल, सतबीर, कुलदीप, शमशेर सिंह, महावीर प्रसाद, सोमदेव, अनूप सिंह, संदीप, शेर सिंह, रोहताश, शिव लाल और प्रवीण विष्णु को सदस्य बनाया गया। बैठक में किसान नेता दलबीर सिंह आजाद, शिव कुमार ज्याणी और हरी सिंह सिहाग भी उपस्थित थे।


तत्काल राहत की आवश्यकता

तत्काल राहत की मांग

किसान सभा ने प्रशासन से तुरंत राहत कार्य शुरू करने और भविष्य के लिए स्थायी उपाय करने की अपील की है। किसानों का कहना है कि मुआवजा राशि पर्याप्त नहीं है, और जल निकासी के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। यदि प्रशासन ने जल्द कार्रवाई नहीं की, तो किसानों को और नुकसान झेलना पड़ सकता है।


जल निकासी उपकरणों की दरें

जल निकासी के उपकरणों की दरें तय

जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने जल निकासी के उपकरणों की किराए की दरें निर्धारित की हैं ताकि कोई शोषण न हो। पोकलेन (140 सी) की दर 2200 रुपये/घंटा, 220 सी (40 फीट बूम) की 2750 रुपये/घंटा और 40 फीट से ज्यादा बूम की 3600 रुपये/घंटा है। हाइड्रोलिक एक्स्कावेटर की शिफ्टिंग के लिए 15,000-30,000 रुपये/ट्रिप और पाइप्स की दरें 180-1150 रुपये/मीटर तय की गई हैं। पंप सेट की दरें 1200-1700 रुपये/दिन और ईसी बैग की दर 5.20 रुपये/बैग है। प्रशासन ने सभी विभागों को इन दरों पर उपकरण किराए पर लेने और जल्द जल निकासी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।