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फादर्स डे 2025: पिता के प्रति सम्मान की प्रेरक कहानी

फादर्स डे हर साल जून के तीसरे रविवार को मनाया जाता है, और 2025 में यह 15 जून को आएगा। यह दिन पिताओं के प्रति सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त करने का अवसर है। इसकी शुरुआत सोनोरा स्मार्ट डॉड ने अपने पिता के प्रति प्रेम से की थी। जानें इस दिन के इतिहास, महत्व और कैसे यह एक राष्ट्रीय अवकाश बना।
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फादर्स डे 2025: पिता के प्रति सम्मान की प्रेरक कहानी

फादर्स डे का महत्व और इतिहास

फादर्स डे 2025: हर वर्ष जून के तीसरे रविवार को दुनिया भर में फादर्स डे मनाया जाता है। वर्ष 2025 में यह दिन 15 जून को आएगा। यह अवसर उन सभी पिताओं के प्रति सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त करने का है, जो अपने परिवार के लिए हर परिस्थिति में एक मजबूत सहारा बनते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दिन की शुरुआत कैसे हुई? इसके पीछे एक बेटी की अपने पिता के प्रति भावनाएं और सम्मान की प्रेरक कहानी छिपी है।


फादर्स डे आज एक अंतरराष्ट्रीय परंपरा बन चुका है, लेकिन इसकी नींव एक साधारण महिला की असाधारण सोच ने रखी थी। यह महिला थीं सोनोरा स्मार्ट डॉड, जिन्होंने अपने पिता के प्रति प्रेम और कृतज्ञता से प्रेरित होकर इस दिन को मनाने की शुरुआत की। आज हम आपको फादर्स डे के इतिहास से जुड़े हर पहलू से अवगत कराएंगे।


फादर्स डे की शुरुआत कैसे हुई?

फादर्स डे की शुरुआत अमेरिका में 20वीं सदी की शुरुआत में हुई। 1908 में वेस्ट वर्जीनिया में कोयले की खदान में हुए धमाके में मारे गए पिताओं की याद में एक स्मृति सभा आयोजित की गई थी, लेकिन यह कोई नियमित परंपरा नहीं बन पाई।


फादर्स डे को एक वार्षिक उत्सव के रूप में स्थापित करने का श्रेय सोनोरा स्मार्ट डॉड को जाता है, जो वॉशिंगटन राज्य के स्पोकेन शहर की निवासी थीं। 1909 में उन्होंने मदर्स डे पर एक प्रवचन सुनने के बाद यह सवाल उठाया कि पिताओं के सम्मान में भी कोई विशेष दिन क्यों नहीं होता?


पिता के प्रति सम्मान से जन्मा विचार

सोनोरा के पिता, विलियम जैक्सन स्मार्ट, अमेरिकी सिविल वॉर के दिग्गज थे, जिन्होंने अपनी पत्नी की मृत्यु के बाद अपने छह बच्चों की परवरिश अकेले की। सोनोरा को अपने पिता पर गर्व था। उनके लिए वे एक जिम्मेदार, दयालु और मजबूत इंसान थे।


सोनोरा का जन्म 1882 में आर्कनसास में हुआ था। जब वे 16 साल की थीं, तब उनकी मां का निधन हो गया और उनकी परवरिश उनके पिता ने अकेले की। यही अनुभव उनके मन में यह भावना भर गया कि पिताओं को भी समाज में उसी प्रकार का सम्मान मिलना चाहिए जैसा माताओं को मिलता है।


1910 में पहली बार मनाया गया फादर्स डे

सोनोरा ने पहले फादर्स डे की तारीख अपने पिता के जन्मदिन 5 जून को प्रस्तावित की थी, लेकिन चर्च के पादरियों को तैयारी के लिए अधिक समय चाहिए था, इसलिए यह आयोजन 19 जून 1910 को हुआ। यह पहला फादर्स डे स्पोकेन YMCA में मनाया गया, जहां विशेष प्रवचन और पिता के योगदान को समर्पित चर्च सभाएं आयोजित की गईं।


इस दिन गुलाब का फूल फादर्स डे का प्रतीक बन गया। लोग जीवित पिताओं के सम्मान में लाल गुलाब और दिवंगत पिताओं की स्मृति में सफेद गुलाब पहनते थे।


कैसे बना राष्ट्रीय अवकाश

हालांकि प्रारंभ में इस विचार को स्थानीय समर्थन मिला, लेकिन फादर्स डे को राष्ट्रीय अवकाश बनाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। कई लोगों ने इसे एक व्यावसायिक चाल करार दिया और इस पर आलोचना की। इस आलोचना से आहत होकर सोनोरा ने कुछ समय के लिए अभियान से दूरी बना ली।


लेकिन 1930 के दशक में उन्होंने फिर से इस मुहिम को शुरू किया। इस बार उन्हें कपड़ा और तंबाकू उद्योग से जुड़ी कंपनियों का समर्थन मिला, जिन्होंने इस मौके को उपहारों की बिक्री के लिए एक अवसर के रूप में देखा और अभियान में मदद की।


धीरे-धीरे फादर्स डे को पूरे अमेरिका में समर्थन मिलने लगा। अंततः वर्ष 1972 में अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने इसे आधिकारिक राष्ट्रीय अवकाश घोषित कर दिया और हर साल जून के तीसरे रविवार को फादर्स डे मनाने की परंपरा शुरू हुई।


फादर्स डे का महत्व

आज के दौर में फादर्स डे केवल उपहार देने का दिन नहीं है, बल्कि यह उस प्यार, ताकत और समर्पण का उत्सव है जो एक पिता अपने बच्चों के लिए करता है। चाहे वह जैविक पिता हों, दत्तक पिता या कोई पिता-समान व्यक्ति, हर वह इंसान जो बच्चों को जीवन में दिशा देता है, इस दिन का सम्मान पाने का हकदार है।