फेंटेनाइल को सामूहिक विनाश का हथियार घोषित करने वाला ट्रंप का ऐतिहासिक आदेश
फेंटेनाइल का खतरा
वाशिंगटन- अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर हस्ताक्षर करते हुए फेंटेनाइल को सामूहिक विनाश का हथियार घोषित किया है। उनका कहना है कि यह सिंथेटिक ओपियोइड अब अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा बन चुका है, और इसके अवैध व्यापार के खिलाफ कार्रवाई को और तेज किया जाएगा।
ट्रंप ने कहा, “आज मैं एक ऐतिहासिक आदेश पर हस्ताक्षर कर रहा हूं, जिसके तहत फेंटेनाइल को सामूहिक विनाश का हथियार माना जाएगा। कोई भी बम उतना नुकसान नहीं करता, जितना यह नशा कर रहा है।” उन्होंने बताया कि फेंटेनाइल से होने वाली मौतों की संख्या सरकारी आंकड़ों से कहीं अधिक है। उनके अनुसार, हर साल दो से तीन लाख लोग इस नशे के कारण अपनी जान गंवा रहे हैं, जिससे अमेरिकी परिवारों पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है।
राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि अमेरिका के दुश्मन देश जानबूझकर फेंटेनाइल की तस्करी कर रहे हैं। उनका मानना है कि इसका उद्देश्य अमेरिकियों को नुकसान पहुंचाना है। ट्रंप ने बड़ी मात्रा में ड्रग्स की बरामदगी को प्रगति का संकेत बताया। उन्होंने कहा, “मई में, हमने अमेरिका के इतिहास में फेंटेनाइल की सबसे बड़ी खेप पकड़ी, जिसमें तीन मिलियन गोलियां शामिल थीं।” इसके अलावा, कोलोराडो में पिछले महीने 17 लाख गोलियां जब्त की गईं। ट्रंप के अनुसार, सीमा से आने वाले फेंटेनाइल की मात्रा में लगभग 50 प्रतिशत की कमी आई है, और चीन भी इस मामले में अमेरिका के साथ सहयोग कर रहा है।
उन्होंने यह स्पष्ट किया कि फेंटेनाइल का सीमित मात्रा में चिकित्सा उपयोग होता है, लेकिन अवैध तरीके से बनाए जाने और अन्य पदार्थों में मिलाए जाने के कारण यह बेहद घातक बन गया है। ट्रंप ने ड्रग माफिया को अमेरिका के लिए एक सीधा सैन्य खतरा बताया।
फेंटेनाइल संकट अमेरिका के हाल के इतिहास की सबसे गंभीर स्वास्थ्य आपदाओं में से एक बन गया है। पिछले एक दशक में सिंथेटिक ओपियोइड के कारण ओवरडोज से होने वाली मौतों में तेजी से वृद्धि हुई है। कई सरकारें इस समस्या से निपटने में कठिनाई महसूस कर रही हैं। भारत भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऐसे पदार्थों की रोकथाम के प्रयासों पर नजर रखे हुए है और अमेरिका व अन्य देशों के साथ मिलकर नशीली दवाओं के अवैध कारोबार के खिलाफ सहयोग कर रहा है।
