फोटोग्राफी: तकनीक और संवेदनाओं का अद्भुत संगम
फोटोग्राफी ने तकनीकी और मानवीय संवेदनाओं का अद्भुत संगम प्रस्तुत किया है। आज के दौर में, हर किसी के पास कैमरे वाला फोन है, लेकिन अच्छे फोटोग्राफरों की संख्या कम है। विश्व फोटोग्राफी दिवस हर साल 19 अगस्त को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य फोटोग्राफी के प्रति जागरूकता फैलाना है। इस लेख में फोटोग्राफी के महत्व, इसके विकास और पहले सेल्फी के बारे में जानकारी दी गई है।
Aug 18, 2025, 15:04 IST
| 
फोटोग्राफी की बदलती दुनिया
योगेश कुमार गोयल | आज फोटोग्राफी की दुनिया में एक बड़ा बदलाव आया है। पहले, लोगों को तस्वीरें खींचने के लिए स्टूडियो जाना पड़ता था, लेकिन अब हर किसी के पास कैमरे वाला फोन है, जिससे वे कहीं भी और कभी भी तस्वीरें ले सकते हैं।
हालांकि, हर किसी के पास मोबाइल होने के बावजूद, अच्छे फोटोग्राफरों की संख्या कम है। एक बेहतरीन तस्वीर लेने के लिए जरूरी है कि दृश्य को सही तरीके से फ्रेम में कैद किया जाए, जिसमें प्रकाश, छाया, कैमरे की स्थिति और विषय का चुनाव शामिल है।

पेशेवर फोटोग्राफरों का मानना है कि एक अच्छे फोटो के लिए यह जानना जरूरी है कि फ्रेम में क्या शामिल करना है और क्या छोड़ना है। एक तस्वीर तभी प्रभावी होती है जब उसमें मानवीय भावनाएं झलकती हैं।
इसीलिए कहा जाता है कि एक तस्वीर हजार शब्दों के बराबर होती है। तकनीकी रूप से अच्छी तस्वीर भी तब तक प्रभावी नहीं होती जब तक वह मानवीय संवेदनाओं को छू न सके। विज्ञापनों में भी अच्छे फोटोग्राफरों का योगदान महत्वपूर्ण होता है।
हर साल 19 अगस्त को विश्व फोटोग्राफी दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य फोटोग्राफी के प्रति जागरूकता फैलाना और फोटोग्राफरों को एकजुट करना है। इस वर्ष का थीम 'मेरी पसंदीदा तस्वीर' है।
फोटोग्राफी दिवस उन लोगों को समर्पित है जिन्होंने खास पलों को कैद किया है। यह दिन फोटोग्राफी में योगदान देने वालों को याद करने और नई पीढ़ी को प्रेरित करने का अवसर है।
विश्व फोटोग्राफी दिवस की शुरुआत 2009 में ऑस्ट्रेलियाई फोटोग्राफर कोर्स्के आरा द्वारा की गई थी। 2010 में पहली वैश्विक ऑनलाइन फोटो गैलरी का आयोजन किया गया, जिसमें 250 से अधिक फोटोग्राफरों ने भाग लिया।
यह दिवस 1839 में फोटोग्राफी के आविष्कार की याद में मनाया जाता है, जब जोसेफ नीसपोर और लुई डागुएरे ने डॉगोरोटाइप प्रक्रिया का आविष्कार किया।
फोटोग्राफी का शब्द ग्रीक शब्द 'फोटोज' (प्रकाश) और 'ग्राफीन' (खींचना) से आया है। 1839 में वैज्ञानिक सर जॉन एफ डब्ल्यू हश्रेल ने इस शब्द का उपयोग किया था।
फोटोग्राफी ने मानव जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाया है, जिससे हम पलभर में किसी भी स्थान की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। यह न केवल लोगों को करीब लाता है, बल्कि संस्कृति को समझने में भी मदद करता है।
फोटोग्राफी ने हमें पुरानी यादों को संजोकर रखने का एक बेहतरीन तरीका दिया है। आज की युवा पीढ़ी में सेल्फी का जुनून है, लेकिन पहली सेल्फी 1839 में ली गई थी।
तकनीकी प्रगति के बावजूद, बेहतरीन तस्वीरें लेने के लिए फोटोग्राफी की बारीकियों का ज्ञान होना आवश्यक है। फोटोग्राफी ने न केवल जानकारी का आदान-प्रदान किया है, बल्कि इतिहास को भी समृद्ध किया है। (लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं। यह उनके निजी विचार हैं।)