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बरेली में जुमे की नमाज के बाद हिंसा: मौलाना तौकीर रजा गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में जुमे की नमाज के बाद 'आई लव मोहम्मद' विवाद के चलते हिंसा भड़क गई। मौलाना तौकीर रजा को गिरफ्तार किया गया है, और प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए 48 घंटे के लिए इंटरनेट सेवा निलंबित कर दी है। इस हिंसा में 22 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, और सरकार ने मामले की निष्पक्ष जांच के लिए एक 10 सदस्यीय एसआईटी का गठन किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पर कड़ा बयान दिया है। जानें पूरी जानकारी इस लेख में।
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बरेली में जुमे की नमाज के बाद हिंसा: मौलाना तौकीर रजा गिरफ्तार

बरेली में हिंसा का मामला

बरेली में हिंसा: शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में 'आई लव मोहम्मद' विवाद के चलते हिंसा भड़क गई, जो अब राज्य की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है। इस हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराए जाने पर पुलिस ने मौलाना तौकीर रजा को गिरफ्तार किया है, साथ ही कई अन्य व्यक्तियों को भी हिरासत में लिया गया है। प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बरेली में 48 घंटे के लिए इंटरनेट सेवा निलंबित कर दी है, जो 29 सितंबर की रात तक जारी रहेगी।


पुलिस की कार्रवाई

बरेली में शुक्रवार को हुई हिंसक घटनाओं के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मौलाना तौकीर रजा सहित आठ लोगों को गिरफ्तार किया है। मौलाना के खिलाफ पुलिस ने दस अलग-अलग थानों में मामले दर्ज किए हैं और उन्हें बलवा फैलाने का आरोपी माना गया है। पुलिस का कहना है कि मौलाना ने जानबूझकर विवाद को बढ़ावा दिया, जिससे स्थिति और बिगड़ गई। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर शनिवार को दूसरे जिले की जेल में स्थानांतरित कर दिया गया।


इंटरनेट सेवा निलंबन

48 घंटे के लिए इंटरनेट सेवा बंद

बरेली में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने 27 सितंबर को रात 12:30 बजे से लेकर 29 सितंबर रात 12:30 बजे तक इंटरनेट सेवा निलंबित कर दी है। इसके साथ ही टेलीकॉम सेवाएं भी निलंबित की गई हैं। यह कदम स्थिति को नियंत्रित करने और अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए उठाया गया है। प्रशासन का कहना है कि जब तक हालात सामान्य नहीं हो जाते, इंटरनेट सेवा बंद रहेगी।


मौलाना तौकीर की शिफ्टिंग

मौलाना तौकीर को फतेहगढ़ जेल में शिफ्ट किया गया

मौलाना तौकीर रजा को सुरक्षा कारणों से गुप्त तरीके से फतेहगढ़ जेल में स्थानांतरित किया गया है। जिला प्रशासन ने उन्हें कोर्ट में पेश करने के बाद फतेहगढ़ जेल भेज दिया। वहां के जेल प्रशासन को अलर्ट कर दिया गया है। मौलाना की गिरफ्तारी और शिफ्टिंग के बाद बरेली में सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त किया गया है।


हिंसा से संबंधित सामग्री

हिंसा वाली जगह पर आपत्तिजनक सामग्री

शनिवार को बरेली के एसएसपी और डीएम ने प्रेस कांफ्रेंस में हिंसा की जगह से बरामद सामग्री के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पुलिस को वहां से जूतों का ढेर, भारी पत्थर, जिंदा कारतूस, तमंचा, लाठी-डंडे और पेट्रोल की बदबू वाली खाली बोतलें मिलीं। इससे स्पष्ट होता है कि हिंसा को योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया गया था। पुलिस के अनुसार, इन सामग्रियों का उपयोग बवाल बढ़ाने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए किया गया था।


एसआईटी जांच

एसआईटी करेगी जांच

बरेली हिंसा मामले में सरकार ने कड़ी कार्रवाई की है। सरकार ने मामले की निष्पक्ष जांच के लिए एक 10 सदस्यीय एसआईटी का गठन किया है। एसआईटी मामले की गहन जांच करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि आरोपियों को सख्त सजा मिले। सूत्रों के अनुसार, एसआईटी को हिंसा के सभी पहलुओं की जांच करने का निर्देश दिया गया है, ताकि कोई भी दोषी न बचे।


पुलिसकर्मियों पर हमले

पथराव में 22 पुलिसकर्मी घायल

बरेली रेंज के डीआईजी अजय कुमार साहनी ने बताया कि हिंसक प्रदर्शनों के दौरान पुलिसकर्मियों पर पथराव और गोलीबारी की गई, जिसमें 22 पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस ने कई इलाकों में बड़ी संख्या में पत्थर और हथियार बरामद किए हैं। पुलिस ने बताया कि सोशल मीडिया के जरिए लोगों को इकट्ठा किया गया और हिंसा फैलाने की योजना बनाई गई थी। इस घटनाक्रम में कुल 39 लोग गिरफ्तार किए गए हैं और उनकी गिरफ्तारी के बाद जांच जारी है।


मुख्यमंत्री का बयान

CM योगी का कड़ा बयान

सीएम योगी आदित्यनाथ ने बरेली हिंसा को लेकर कड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा, 'मौलाना ने यह समझा था कि वह यूपी में सरकार को चुनौती दे सकता है, लेकिन अब उसे समझ में आ जाएगा कि यूपी में शासन किसका है। हम कर्फ्यू नहीं लगाएंगे, लेकिन ऐसे उपद्रवियों को ऐसा सबक देंगे कि आने वाली पीढ़ियां भी दंगे करने का ख्याल न करें।' CM योगी ने यह भी कहा कि दंगा करने वालों को उनके ही अंदाज में जवाब दिया जाएगा।


राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

SP और कांग्रेस की प्रतिक्रियाएं

बरेली हिंसा पर सपा और कांग्रेस दोनों ने प्रतिक्रिया दी है। सपा ने इस मामले में उच्च न्यायिक जांच की मांग की है। सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा ने कहा, 'बरेली में हुए बर्बर लाठीचार्ज की जांच एक मौजूदा जज से कराई जाए।' वहीं, कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने इसे भाजपा की साजिश बताया और कहा कि बरेली में जो हुआ, उसका फायदा भाजपा उठाना चाहती है। अल्वी का कहना था कि यह एक बड़ी साजिश है, जो भाजपा द्वारा की गई है।


हिंदू महासभा की मांग

हिंदू महासभा ने एनकाउंटर की मांग की

अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शिशिर चतुर्वेदी ने दंगा भड़काने वालों का एनकाउंटर करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि दंगा फैलाने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाना चाहिए। उनका कहना था कि अगर सरकार ने ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तो भविष्य में कोई भी दंगा करने का साहस नहीं करेगा।


मंत्री का बयान

मंत्री संजय निषाद का बयान

उत्तर प्रदेश के मंत्री संजय निषाद ने कहा कि इस देश में हिंसा की कोई जगह नहीं है। उन्होंने बरेली हिंसा को लेकर कहा, 'हमारी सरकार माफिया और दहशतगर्दों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है। जो लोग हिंसा करेंगे, उन्हें सलाखों के पीछे डाल दिया जाएगा। योगी सरकार दंगा मुक्त और अपराध मुक्त यूपी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।'