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बरेली में सांप्रदायिक हिंसा के बाद नेताओं की यात्रा पर रोक: क्या है मामला?

बरेली में 26 सितंबर को हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद स्थिति अभी भी नाजुक बनी हुई है। समाजवादी पार्टी के नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय सहित कई सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल बरेली जाने वाला था, लेकिन जिला प्रशासन ने सुरक्षा कारणों से उनकी यात्रा पर रोक लगा दी। प्रशासन का मानना है कि बाहरी नेताओं का आगमन स्थिति को और संवेदनशील बना सकता है। जानें इस मामले में क्या कहा गया और प्रशासन ने क्या कदम उठाए हैं।
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बरेली में सांप्रदायिक हिंसा के बाद नेताओं की यात्रा पर रोक: क्या है मामला?

बरेली में हालात की संवेदनशीलता

Bareilly violence: 26 सितंबर को बरेली में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद से स्थिति अभी भी नाजुक बनी हुई है। इस बीच, समाजवादी पार्टी के नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय सहित 14 सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल 4 अक्टूबर को बरेली जाने की योजना बना रहा था। उनका उद्देश्य हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करना और स्थानीय निवासियों से बातचीत करना था।


जिला प्रशासन का निर्देश

जिला प्रशासन का आदेश

हालांकि, बरेली के जिला मजिस्ट्रेट ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए आदेश जारी किया कि बिना अनुमति कोई भी राजनीतिक प्रतिनिधि बरेली में प्रवेश नहीं कर सकता। मजिस्ट्रेट ने यह निर्देश लखनऊ के पुलिस आयुक्त और अन्य जिलों के पुलिस कप्तानों को भेजे गए पत्र में दिए। आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया कि बाहरी नेताओं और राजनीतिक प्रतिनिधियों को रोका जाए ताकि जनपद की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।


नेता प्रतिपक्ष की यात्रा पर रोक

नेता प्रतिपक्ष को रोकने का कदम

इस आदेश के बाद लखनऊ पुलिस ने नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय को नोटिस भेजकर उनके आवास पर रोक लगा दी और बरेली न जाने की सलाह दी। पुलिस ने स्पष्ट किया कि बिना अनुमति बरेली जाने की इजाजत नहीं है। इसके बावजूद, प्रदेश महासचिव सहित कई अन्य पार्टी नेता माता प्रसाद पांडेय के आवास पर पहुंचे, लेकिन पुलिस की सख्ती के कारण प्रतिनिधिमंडल आगे नहीं बढ़ सका।


माता प्रसाद पांडेय की प्रतिक्रिया

माता प्रसाद पांडेय ने क्या कहा?

समाजवादी पार्टी के नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने कहा, “हमारे नेताओं और कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया गया है कि वे बरेली पहुंचें। हमारा उद्देश्य अराजकता फैलाना नहीं है। फिर हमें क्यों रोका जा रहा है? हम सभी अधिकारियों से बात करेंगे और स्थिति का समाधान निकालेंगे।”


अन्य सांसदों पर निगरानी

अन्य सांसदों पर निगरानी

समाजवादी पार्टी के अन्य सांसद जैसे हरेंद्र मलिक, इकरा हसन, जियाउर्रहमान बर्क और मोहिबुल्लाह भी बरेली जाने वाले थे। हालांकि, उनके जिलों में पुलिस ने उनकी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी। सांसद जियाउर्रहमान बर्क के घर के बाहर भी पुलिस तैनात है। सम्भल में उनके घर के आसपास दो अलग-अलग स्थानों पर पुलिस बल मौजूद हैं, ताकि उन्हें बरेली जाने से रोका जा सके। इस इलाके में सीओ कुलदीप सिंह भी पुलिस दल का नेतृत्व कर रहे हैं।


सुरक्षा और प्रशासनिक चिंताएं

सुरक्षा और प्रशासनिक चिंता

जिला प्रशासन का यह कदम बरेली में स्थिति को नियंत्रित करने और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए उठाया गया है। अधिकारियों का मानना है कि बाहरी नेताओं के आगमन से हालात और संवेदनशील हो सकते हैं। प्रशासन ने स्पष्ट किया कि सुरक्षा और सार्वजनिक शांति बनाए रखना उनकी प्राथमिकता है।