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बरेली हिंसा के बाद इमरान मसूद और शहनवाज़ खान नजरबंद, क्या है असली वजह?

बरेली में हालिया हिंसा के बाद कांग्रेसी सांसद इमरान मसूद और सपा के MLC शहनवाज़ खान को नजरबंद कर दिया गया है। दोनों नेताओं ने प्रशासन पर आरोप लगाया है कि सरकार अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए उन्हें रोका गया। मसूद ने कहा कि वे गांधी विचारधारा के अनुयायी हैं और बरेली जाकर स्थिति का जायजा लेना चाहते थे। इस घटना ने स्थानीय राजनीति में तनाव बढ़ा दिया है, जहां प्रशासन ने शांति बनाए रखने के लिए नेताओं की आवाजाही पर रोक लगाई है। जानें इस मामले में और क्या हो रहा है।
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बरेली हिंसा के बाद इमरान मसूद और शहनवाज़ खान नजरबंद, क्या है असली वजह?

बरेली में नेताओं की नजरबंदी

सहारनपुर के कांग्रेसी सांसद इमरान मसूद और समाजवादी पार्टी के MLC शहनवाज़ खान को बरेली में हाल ही में हुई हिंसा के चलते मंगलवार रात उनके घरों पर नजरबंद कर दिया गया। उनके निवास के बाहर भारी पुलिस बल तैनात किया गया, जिससे वे निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार बरेली नहीं जा सके।


यात्रा की योजना और प्रशासन की प्रतिक्रिया

मसूद ने बुधवार को बताया कि वे और खान दोनों 'गांधी विचारधारा' के अनुयायी हैं और मंगलवार सुबह छह बजकर पचास मिनट की ट्रेन से बरेली जाने का इरादा रखते थे। उनका कहना था कि वहां वे पुलिस उप महानिरीक्षक और अन्य अधिकारियों से मिलकर स्थिति का जायजा लेंगे और दोपहर डेढ़ बजे लौटने की योजना थी। लेकिन उनकी यात्रा को रोक दिया गया और उन्हें घर पर ही रोक लिया गया।


सांसद का प्रशासन पर आरोप

मसूद ने प्रशासन की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए विभिन्न उपाय कर रही है। जब उनसे पूछा गया कि प्रशासन का तर्क है कि नेताओं के बरेली जाने से अशांति फैल सकती है, तो उन्होंने कहा कि असामान्य स्थिति तो सरकार और पुलिस ने ही उत्पन्न की है। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि क्या विभिन्न समाजों के लिए अलग-अलग नियम लागू किए जा रहे हैं।


स्थानीय राजनीति में तनाव

इस घटना ने स्थानीय राजनीति और प्रशासन के बीच तनाव को बढ़ा दिया है। प्रशासन ने सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए नेताओं की आवाजाही पर रोक लगाने का औचित्य पेश किया है, जबकि विपक्षी नेता इसे लक्षित कार्रवाई और दमन के रूप में देख रहे हैं। दोनों पक्षों के बयानों के बीच जनता और राजनीतिक टिप्पणियां जारी हैं।