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बहराइच में भेड़ियों का आतंक: महिलाएं बच्चों की सुरक्षा के लिए रातभर पहरा दे रही हैं

बहराइच में भेड़ियों का आतंक बढ़ता जा रहा है, जिससे महिलाएं अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए रातभर पहरा दे रही हैं। अब तक चार बच्चों की जान जा चुकी है और कई लोग घायल हुए हैं। स्थानीय महिलाएं लाठी और डंडे लेकर इन खतरनाक जानवरों से अपने परिवार की रक्षा कर रही हैं। प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम न उठाए जाने से ग्रामीणों में गुस्सा है। जानें इस गंभीर स्थिति के बारे में और कैसे महिलाएं अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए संघर्ष कर रही हैं।
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बहराइच में भेड़ियों का आतंक: महिलाएं बच्चों की सुरक्षा के लिए रातभर पहरा दे रही हैं

भेड़ियों का खौफ

बहराइच: बहराइच में भेड़ियों का आतंक कई महीनों से जारी है। स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि महिलाएं अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए खुद मोर्चा संभाल रही हैं। हाथों में फरसा, लाठी और डंडा लेकर ये महिलाएं रातभर पहरा दे रही हैं, ताकि अपने परिवार को इन खतरनाक भेड़ियों से बचा सकें।


इन जानवरों के हमलों में अब तक चार मासूम बच्चों की जान जा चुकी है, जबकि 18 से अधिक लोग घायल हुए हैं। मझारा तौकली क्षेत्र के करीब एक दर्जन गांव, जैसे बभनन पुरवा, भिरगू पुरवा, बाबा पटाव, देवनाथ पुरवा और गांधीगंज, भेड़ियों के आतंक का शिकार हो रहे हैं।


सुनसान इलाकों से निकलने वाले आदमखोर भेड़िए खासकर बच्चों को निशाना बना रहे हैं। इन जानवरों के हमलों से परेशान ग्रामीण महिलाएं सुरक्षा का जिम्मा अपने कंधों पर ले चुकी हैं।


महिलाओं और स्थानीय लोगों में इस बात का गुस्सा है कि वन विभाग और प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि तब तक चैन से नींद नहीं आएगी जब तक ये नरभक्षी भेड़िए पिंजरे में कैद नहीं हो जाते।


स्थानीय महिला मीना देवी ने कहा कि भेड़ियों और तेंदुओं के कारण उन्हें फरसा लेकर पहरा देना पड़ रहा है। ये खतरनाक जानवर घर में घुसकर बच्चों पर हमला करते हैं। उन्होंने बताया कि तीन दिन पहले उनके बच्चों पर हमला हुआ था। लाठी-डंडों से बच्चों को बचाया गया, वरना ये जानवर उन्हें ले जाते। इस कारण रात में महिलाएं जागती हैं और पहरा देती हैं।


चंद्रकांती ने बताया कि लाठी-डंडे लेकर हम महिलाएं पहरा दे रही हैं और अपने बच्चों की रक्षा कर रही हैं। उन्होंने कहा कि एक रात भेड़िए ने उन पर हमला किया था, लेकिन लाठी-डंडों के कारण उनकी जान बच गई। इसके बाद उन्होंने अपने परिवार को कमरे में बंद कर लिया।


गांव की अन्य महिलाएं भी रातभर जागती हैं और बच्चों की सुरक्षा करती हैं।


बहराइच के जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी ने चार बच्चों की मौत की पुष्टि की है। उन्होंने कहा, "अब तक हुई घटनाओं में मरने वालों की संख्या चार है। घायलों में कुछ को मामूली चोटें आई थीं। दो और लोगों पर हमला हुआ है, जो अस्पताल में भर्ती हैं, लेकिन फिलहाल वे खतरे से बाहर हैं।"