बांग्लादेश में ईशनिंदा के आरोप में युवक की हत्या: जांच में खुलासा
बांग्लादेश के मैमन सिंह में 25 वर्षीय हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की हत्या के मामले में पुलिस जांच ने कई महत्वपूर्ण तथ्य उजागर किए हैं। जांच में यह सामने आया है कि दीपू ने कोई अपमानजनक टिप्पणी नहीं की थी और वह पूरी तरह निर्दोष था। घटना के बाद, सरकार ने कड़ी निंदा की है और 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। जानें इस मामले की पूरी कहानी और सरकार की प्रतिक्रिया।
| Dec 21, 2025, 13:06 IST
बांग्लादेश में हुई हत्या का मामला
मैमन सिंह, बांग्लादेश में ईशनिंदा के आरोप में मारे गए 25 वर्षीय हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की जांच में महत्वपूर्ण तथ्य सामने आए हैं। पुलिस की जांच से यह स्पष्ट हुआ है कि दीपू ने कोई ऐसी टिप्पणी नहीं की थी, जिससे किसी की धार्मिक भावनाएं आहत होतीं। वह पूरी तरह से निर्दोष था और केवल अफवाहों के कारण उसकी जान गई।
घटना का विवरण
दीपू, जो एक गारमेंट फैक्ट्री में काम करता था, के खिलाफ यह अफवाह फैली कि उसने इस्लाम के खिलाफ अपमानजनक बातें की हैं। उत्तेजित भीड़ ने उसे फैक्ट्री से खींचकर बाहर निकाला और उसकी बेरहमी से हत्या कर दी।
हत्या के बाद, भीड़ ने दीपू के शव को एक पेड़ से लटकाकर आग लगा दी। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गया।
जांच में सामने आए तथ्य
बांग्लादेश के आतंकवाद विरोधी बल ने स्पष्ट किया है कि दीपू के फेसबुक या बातचीत में ईशनिंदा का कोई प्रमाण नहीं मिला है। फैक्ट्री के सहकर्मियों ने भी ऐसी किसी बात की पुष्टि नहीं की।
सरकार की प्रतिक्रिया
मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। अब तक 10 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। सरकार का कहना है कि नए बांग्लादेश में ऐसी हिंसा के लिए कोई स्थान नहीं है और दोषियों को कठोर सजा दी जाएगी।
