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बांग्लादेश में शेख हसीना का आवास बनेगा संग्रहालय: छात्र आंदोलन की यादें सहेजने की पहल

बांग्लादेश में शेख हसीना के आधिकारिक निवास 'गणभवन पैलेस' को संग्रहालय में बदलने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। यह निर्णय 2024 में हुए छात्र विद्रोह की ऐतिहासिक घटनाओं को संरक्षित करने के लिए लिया गया है। संग्रहालय में उन प्रदर्शनकारियों की यादें होंगी, जो विद्रोह के दौरान मारे गए थे। इस संग्रहालय का उद्देश्य अतीत की पीड़ा और संघर्ष को सहेजना है, जबकि हसीना पर मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप अब भी लगे हुए हैं।
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बांग्लादेश में शेख हसीना का आवास बनेगा संग्रहालय: छात्र आंदोलन की यादें सहेजने की पहल

बांग्लादेश में राजनीतिक परिवर्तन

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना: बांग्लादेश में राजनीतिक बदलाव और छात्रों के आंदोलन के एक वर्ष बाद, शेख हसीना के आधिकारिक निवास 'गणभवन पैलेस' को संग्रहालय में बदलने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। यह निर्णय उन ऐतिहासिक घटनाओं को संरक्षित करने के लिए लिया गया है, जब जुलाई 2024 में छात्रों के बड़े विद्रोह के कारण हसीना को सत्ता से हटना पड़ा था। नोबेल शांति पुरस्कार विजेता और वर्तमान अंतरिम सरकार के प्रमुख, 85 वर्षीय मुहम्मद यूनुस ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा, 'संग्रहालय में रूपांतरण से उनके कुशासन की यादें और उन्हें सत्ता से हटाए जाने पर लोगों के गुस्से को संरक्षित किया जा सकेगा।'


गणभवन का महत्व

शेख हसीना का महल

मानवाधिकार कार्यकर्ता और वृत्तचित्र फोटोग्राफर मोसफिकुर रहमान जोहान ने एएफपी को बताया, 'गणभवन फासीवाद का प्रतीक है, एक निरंकुश शासन का प्रतीक है।' उनके अनुसार, यह स्थान अब केवल एक इमारत नहीं, बल्कि अतीत की पीड़ा, संघर्ष और प्रतिरोध का प्रतीक बनेगा।


संग्रहालय का उद्देश्य

आंदोलन के शहीदों को समर्पित होगा संग्रहालय

इस संग्रहालय में 2024 के विद्रोह के दौरान मारे गए प्रदर्शनकारियों की यादें संजोई जाएंगी। संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार, जुलाई और अगस्त 2024 के बीच लगभग 1,400 लोगों की जान गई थी। यह संग्रहालय उन सभी के बलिदान की गवाही देगा। 2024 के आंदोलन के दौरान जब हसीना बांग्लादेश छोड़कर भारत भाग गई थीं, तब प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने गणभवन पर कब्जा कर लिया था। सरकारी आवास की छत पर झंडे लहराते युवाओं की तस्वीरें आंदोलन के सबसे महत्वपूर्ण क्षणों में गिनी जाती हैं।


लूटपाट की घटनाएं

सोशल मीडिया पर वायरल हुईं लूट की तस्वीरें

हसीना के जाने के तुरंत बाद, गुस्साई भीड़ ने उनके सरकारी आवास को घेर लिया और लूटपाट शुरू कर दी। वायरल वीडियो में लोगों को उनके घर की साड़ियां, घड़ियां, हैंडबैग, सोफा, टेलीविजन और यहां तक कि रसोई से मछलियां उठाते हुए देखा गया।


मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप

हसीना पर अब भी मानवता विरोधी अपराधों के आरोप

77 वर्षीय पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना, अभी भी संयुक्त राष्ट्र के समर्थन से जारी अदालत के आदेशों और आरोपों की अनदेखी कर रही हैं। उनके 15 वर्षीय कार्यकाल में कथित मानवाधिकार उल्लंघन, सामूहिक गिरफ्तारियां और न्यायेतर हत्याएं उन्हें अब भी सुर्खियों में बनाए हुए हैं।