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बाढ़ से प्रभावित बहादुरगढ़: राहत कार्यों में जुटी सेना

हाल ही में भारी बारिश के कारण बहादुरगढ़ में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। मुंगेशपुर ड्रेन के टूटने से कई क्षेत्रों में पानी भर गया है, जिससे औद्योगिक क्षेत्र का कामकाज ठप हो गया है। राहत कार्यों के लिए सेना के जवानों को तैनात किया गया है। प्रशासन ने प्रभावित लोगों के लिए अस्थायी आश्रय और चिकित्सा सहायता की व्यवस्था की है। जानें इस संकट से निपटने के लिए उठाए गए कदम।
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बाढ़ से प्रभावित बहादुरगढ़: राहत कार्यों में जुटी सेना

बाढ़ की स्थिति


हाल ही में हुई भारी बारिश के कारण मुंगेशपुर ड्रेन के टूटने से बहादुरगढ़ और दिल्ली के कई क्षेत्रों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। इस संकट से निपटने के लिए सेना की डोट डिवीजन से 80 से अधिक जवानों को तैनात किया गया है।


बाढ़ का प्रभाव

ड्रेन के टूटने से औद्योगिक क्षेत्र, छोटूराम नगर और विवेकानंद नगर में पानी भर गया है। कई घरों में 4 से 5 फीट तक पानी जमा हो गया है, जिससे बहादुरगढ़ औद्योगिक क्षेत्र की फैक्ट्रियों का कामकाज ठप हो गया है। मारुति के स्टॉकयार्ड में 150 से अधिक गाड़ियां भी पानी में डूब गई हैं। मुंगेशपुर ड्रेन के पास 12 से 15 फीट चौड़ा कटाव हो गया है, जिससे पानी खेतों और रिहायशी इलाकों में लगातार घुस रहा है।


कटाव को रोकने के प्रयास

सेना ने 8 नावों और SDRF की 4 नावों की मदद से कटाव को रोकने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं। तटबंध की मरम्मत के लिए लोहे के बड़े जालीनुमा बॉक्स और मिट्टी से भरे प्लास्टिक बैगों का उपयोग किया जा रहा है।


सेना द्वारा चिकित्सा सहायता

राहत कार्यों में सिंचाई विभाग और नगर परिषद के कर्मचारी भी शामिल हैं। मौके पर तैनात सिंचाई विभाग के एक्सईएन ईशान सिवाच मरम्मत कार्य की निगरानी कर रहे हैं। सेना ने कर्मचारियों के लिए एक मेडिकल कैंप भी स्थापित किया है, जबकि खाने-पीने की व्यवस्था सिंचाई विभाग द्वारा की जा रही है।


अस्थायी आश्रय की व्यवस्था

प्रशासन ने प्रभावित लोगों के लिए एसडीएम कार्यालय में एक कंट्रोल रूम स्थापित किया है। आवश्यकता पड़ने पर अस्थायी आश्रय भी उपलब्ध कराया जाएगा। उम्मीद है कि कटाव को जल्द ही बंद कर पानी के बहाव को नियंत्रित किया जा सकेगा, जिससे लोगों को राहत मिलेगी।