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बाराबंकी में छात्रों पर लाठीचार्ज: अखिलेश यादव ने सरकार की नाकामी बताई

बाराबंकी में श्री रामस्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी के छात्रों पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज की घटना ने राजनीतिक विवाद को जन्म दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इसे सरकार की विफलता का प्रतीक बताया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए पुलिस की कार्रवाई पर नाराजगी जताई है। छात्रों का आरोप है कि विश्वविद्यालय में मान्यता के बिना पढ़ाई कराई जा रही है। इस मुद्दे पर छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया, जिसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग किया।
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बाराबंकी में छात्रों पर लाठीचार्ज: अखिलेश यादव ने सरकार की नाकामी बताई

बाराबंकी में छात्रों पर पुलिस का लाठीचार्ज

बाराबंकी। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में श्री रामस्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी में मान्यता के बिना पढ़ाई का विरोध कर रहे छात्रों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया है। इस घटना ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस लाठीचार्ज का एक वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया, जिसमें उन्होंने इसे सरकार की विफलता और हताशा का प्रतीक बताया।



मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए पुलिस की कार्रवाई पर कड़ी नाराजगी जताई है। उन्होंने सीओ सिटी हर्षित चौहान को हटाने के निर्देश दिए हैं और लाठीचार्ज की घटना की जांच आईजी रेंज अयोध्या प्रवीण कुमार को सौंपी गई है। इसके अलावा, शहर कोतवाल आरके राणा और चौकी इंचार्ज को भी लाइन हाजिर किया गया है। लाठीचार्ज में घायल छात्रों को जिला अस्पताल में इलाज के बाद घर भेज दिया गया है।


डीएम आवास के सामने प्रदर्शन

पुलिस द्वारा शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर बल प्रयोग के खिलाफ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने सोमवार रात को डीएम आवास के सामने विरोध प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की और लाठीचार्ज करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।


छात्रों का आरोप है कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया से मान्यता न होने के बावजूद यहां एलएलबी, बीबीए एलएलबी और बीए एलएलबी में अवैध प्रवेश लेकर कक्षाएं चलाई जा रही हैं। पिछले कुछ दिनों से छात्र इस मुद्दे पर आंदोलन कर रहे थे। सोमवार सुबह, छात्र विश्वविद्यालय परिसर में प्रदर्शन कर रहे थे, जब लखनऊ और आस-पास के जिलों के कुछ एबीवीपी कार्यकर्ता भी उनके समर्थन में पहुंचे।