बिहार की छोटी नर्सरी योजना: किसानों के लिए नई उम्मीद

बिहार सरकार की नई पहल
छोटी नर्सरी योजना: किसानों के लिए एक सुनहरा अवसर
पटना: बिहार सरकार ने किसानों के लिए एक नई योजना शुरू की है, जिसका नाम 'छोटी नर्सरी योजना' है। इस योजना के तहत, किसान अपनी भूमि पर नर्सरी स्थापित कर सकते हैं, जिससे वे फलों और पौधों की खेती को बढ़ावा देने के साथ-साथ 10 लाख रुपये तक की सब्सिडी भी प्राप्त कर सकते हैं।
योजना का उद्देश्य
कृषि बिहार में किसानों की आय का मुख्य स्रोत है, लेकिन पारंपरिक धान-गेहूं की खेती से अधिक लाभ नहीं होता। सरकार का लक्ष्य है कि किसान बागवानी को अपनाएं और अपनी आय में वृद्धि करें। छोटी नर्सरी योजना के माध्यम से, किसान अपनी भूमि पर फल और पौधों की नर्सरी शुरू कर सकते हैं, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी।
सब्सिडी की राशि
इस योजना के अंतर्गत प्रति हेक्टेयर 20 लाख रुपये की लागत निर्धारित की गई है, जिसमें से 10 लाख रुपये तक की सब्सिडी दी जाएगी। यह राशि दो किस्तों में प्रदान की जाएगी। पहली किस्त में 60% यानी 6 लाख रुपये और दूसरी किस्त में 40% यानी 4 लाख रुपये सीधे किसानों के बैंक खातों में डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से भेजी जाएगी। यह सब्सिडी किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण सहायता साबित होगी।
योजना की शर्तें
छोटी नर्सरी योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों के पास 0.4 हेक्टेयर से 1 हेक्टेयर तक की भूमि होनी चाहिए। यह भूमि सड़क के किनारे होनी चाहिए, जहां पानी जमा होने की समस्या न हो। इसके अलावा, सिंचाई और बिजली की सुविधाएं भी आवश्यक हैं। इन शर्तों को पूरा करने वाले किसान ही इस योजना के लिए पात्र होंगे।
आवेदन प्रक्रिया
इस योजना के लिए आवेदन करने वाले किसानों का बिहार के डीबीटी पोर्टल पर पंजीकरण होना आवश्यक है। उन्हें भूमि के स्वामित्व का प्रमाण पत्र या वैध दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे। अनुसूचित जाति और जनजाति के आवेदकों को जाति प्रमाण पत्र भी जमा करना होगा।
ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया
छोटी नर्सरी योजना के लिए आवेदन ऑनलाइन किया जा सकता है। किसान बिहार उद्यान निदेशालय की आधिकारिक वेबसाइट horticulture.bihar.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। वेबसाइट पर 'छोटी नर्सरी' लिंक पर क्लिक करें, सभी आवश्यक जानकारी भरें और दस्तावेज अपलोड करें। आवेदन के बाद, योग्य पाए गए किसानों को इस योजना का लाभ मिलेगा।