बिहार की राजनीति में नया विवाद: RJD विधायक का ऑडियो वायरल

बिहार की राजनीति में नया विवाद
बिहार की राजनीतिक स्थिति एक बार फिर विवादों में घिर गई है। मनेर से राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के विधायक भाई वीरेंद्र का एक ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है, जिसमें वह पंचायत सचिव संदीप कुमार को जातिसूचक शब्दों से गालियाँ देते हुए और जूते से मारने की धमकी देते सुनाई दे रहे हैं। यह मामला तब और बढ़ गया जब पार्टी से निष्कासित तेज प्रताप यादव ने इस पर सवाल उठाए और भाई वीरेंद्र के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
तेज प्रताप का सोशल मीडिया पर बयान
तेज प्रताप यादव ने एक कार्टून साझा किया, जिसमें भाई वीरेंद्र को जूता पकड़े हुए दिखाया गया है, जबकि पंचायत सचिव कुर्सी पर बैठे हैं। इस पोस्ट में महात्मा गांधी और बाबा साहेब अंबेडकर की तस्वीरें भी शामिल हैं। तेज प्रताप ने लिखा, "क्या RJD अपने विधायक भाई वीरेंद्र पर कार्रवाई करेगी, जिन्होंने SC-ST समाज के खिलाफ शर्मनाक टिप्पणी की?"
पार्टी के भीतर की कलह
तेज प्रताप का यह बयान केवल भाई वीरेंद्र पर नहीं, बल्कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के नेतृत्व पर भी सीधा हमला माना जा रहा है। इससे पार्टी के भीतर चल रही कलह भी उजागर होती है।
विधायक का गुस्सा
भाई वीरेंद्र पर आरोप है कि जब पंचायत सचिव संदीप कुमार ने उन्हें पहचानने से इनकार किया, तो विधायक का गुस्सा भड़क गया। उन्होंने न केवल धमकी दी, बल्कि जातिसूचक शब्दों का भी इस्तेमाल किया। इस मामले में सचिव ने SC/ST थाने में FIR दर्ज कराई है, जिसमें मानसिक उत्पीड़न और जातिगत अपमान का आरोप लगाया गया है।
भाई वीरेंद्र का पिछला विवाद
यह पहली बार नहीं है जब भाई वीरेंद्र विवाद में फंसे हैं। इससे पहले भी वे विधानसभा में "सदन किसी के बाप का नहीं है" जैसे विवादास्पद बयान देकर चर्चा में रह चुके हैं। हालांकि, इस बार मामला गंभीर है क्योंकि इसमें एससी-एसटी एक्ट के तहत शिकायत दर्ज हो चुकी है।
तेज प्रताप की राजनीतिक रणनीति
तेज प्रताप यादव की प्रतिक्रिया को उनकी राजनीतिक रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। पार्टी से निष्कासन के बाद वे सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं और पार्टी नेतृत्व पर निशाना साध रहे हैं। उनका यह बयान दर्शाता है कि वे खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं और RJD की आंतरिक राजनीति में अपनी पहचान बनाना चाहते हैं।
भाई वीरेंद्र का खेद
भाई वीरेंद्र ने फेसबुक पर खेद जताते हुए कहा कि पंचायत सचिव का व्यवहार उकसावे वाला था, जिससे स्थिति बिगड़ गई। हालांकि, उनकी सफाई विवाद को थामने में असफल रही है और अब यह मामला पार्टी की साख पर भी असर डाल रहा है।
विपक्ष का हमला
विपक्षी दल पहले से ही इस मामले को लेकर 'जंगलराज' का मुद्दा बना रहे हैं। अब देखना यह है कि क्या राजद नेतृत्व तेज प्रताप की मांग पर कोई अनुशासनात्मक कदम उठाएगा या फिर मामले को नजरअंदाज कर देगा। पार्टी की चुप्पी और तेज प्रताप का यह हमला, दोनों बिहार की राजनीति को और गर्माने वाले हैं।