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बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा पर दो मतदाता पहचान पत्र रखने का विवाद: कांग्रेस ने उठाए गंभीर सवाल

बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा पर दो अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में मतदाता पहचान पत्र होने का विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस ने इस मामले में गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें भाजपा और चुनाव आयोग पर मिलीभगत का आरोप भी शामिल है। तेजस्वी यादव ने इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया दी है, इसे धोखाधड़ी करार देते हुए चुनाव आयोग की प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। यह विवाद बिहार की राजनीतिक स्थिति में नई हलचल पैदा कर रहा है।
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बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा पर दो मतदाता पहचान पत्र रखने का विवाद: कांग्रेस ने उठाए गंभीर सवाल

विजय सिन्हा पर चुनावी नियमों का उल्लंघन

बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा: बिहार में उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा के खिलाफ चुनाव आयोग के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दौरान दो मतदाता पहचान पत्र (EPIC) होने का मामला सामने आया है। कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया है कि सिन्हा के नाम पर दो अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में EPIC नंबर दर्ज हैं, जो चुनावी नियमों का उल्लंघन है।


भाजपा और चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप

जानकारी के अनुसार, विजय सिन्हा का एक मतदाता पहचान पत्र लखीसराय जिले में पंजीकृत है, जबकि दूसरा पटना के बांकीपुर विधानसभा क्षेत्र का है। कांग्रेस ने यह भी कहा है कि सिन्हा ने दोनों स्थानों से एसआईआर फॉर्म भरे हैं। इस पर बिहार कांग्रेस ने भाजपा और चुनाव आयोग पर मिलीभगत के गंभीर आरोप लगाए हैं।


कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर सवाल उठाया है कि उपमुख्यमंत्री के पास दो अलग-अलग स्थानों से मतदाता पहचान पत्र कैसे हो सकते हैं, और उनके दोनों नाम ड्राफ्ट लिस्ट में शामिल हैं। इसके साथ ही, कांग्रेस ने राहुल गांधी द्वारा चुनाव आयोग और भाजपा पर लगाए गए पूर्व के आरोपों को भी दोहराया है।


जानकारी के अनुसार, लखीसराय के मतदाता पहचान पत्र में विजय सिन्हा की उम्र 57 वर्ष और पिता का नाम स्वर्गीय शारदा रमण सिंह दर्ज है। वहीं, पटना के बांकीपुर का EPIC कार्ड भी उनके नाम पर है, जिसमें पिता का नाम समान है, लेकिन उम्र 60 वर्ष बताई गई है।


तेजस्वी यादव की तीखी प्रतिक्रिया

इस मुद्दे पर बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने भाजपा और चुनाव आयोग की आलोचना करते हुए इसे धोखाधड़ी करार दिया और पूछा कि क्या उपमुख्यमंत्री को इस मामले में नोटिस जारी किया जाएगा। तेजस्वी यादव ने कहा कि यह मामला चुनाव आयोग की वेबसाइट पर भी स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।


उन्होंने यह भी कहा कि बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण की प्रक्रिया अवैध है और इस पर अदालत में भी कार्रवाई की जाएगी। यादव ने स्पष्ट किया कि या तो चुनाव आयोग की पूरी एसआईआर प्रक्रिया भ्रष्ट है या फिर उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा इस धोखाधड़ी में शामिल हैं।


यह विवाद बिहार की राजनीतिक स्थिति में नई हलचल पैदा कर रहा है, जहां विपक्ष इसे गंभीर चुनावी अनियमितता के रूप में देख रहा है और यह सवाल उठा रहा है कि चुनाव आयोग इस मामले में क्या कदम उठाएगा।