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बिहार के स्कूल में छात्राओं की तबीयत बिगड़ी, अव्यवस्था पर उठे सवाल

बिहार के पंडारक प्रखंड के एक सरकारी स्कूल में हाल ही में कई छात्राओं की तबीयत बिगड़ गई, जिससे विद्यालय परिसर में अफरा-तफरी मच गई। इस घटना ने शिक्षा व्यवस्था और बुनियादी सुविधाओं की कमी पर सवाल उठाए हैं। जानें इस घटना के पीछे की वजह और स्थानीय लोगों की नाराज़गी के बारे में।
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बिहार के सरकारी स्कूल में छात्राओं की तबीयत बिगड़ने की घटना

बिहार के स्कूलों में शिक्षा प्रणाली और बुनियादी सुविधाओं की कमी एक बार फिर चर्चा का विषय बन गई है। हाल ही में पटना जिले के बाढ़ अनुमंडल के पंडारक प्रखंड स्थित एक सरकारी स्कूल में कई छात्राओं की तबीयत अचानक बिगड़ गई, जिससे विद्यालय परिसर में हड़कंप मच गया। यह घटना चौधरी राम प्रसाद शर्मा प्रोजेक्ट कन्या बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में हुई, जहां अचानक कई छात्राएं बेहोश होने लगीं। इस दृश्य ने शिक्षकों और विद्यालय प्रशासन को चिंतित कर दिया। छात्राओं को तुरंत प्राथमिक उपचार के लिए पंडारक के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां एक छात्रा की गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे बाढ़ अनुमंडलीय अस्पताल भेजा गया।
विद्यालय के प्रभारी शिक्षक सतीश कुमार ने बताया कि पीएम श्री योजना के तहत प्रत्येक प्रखंड में एक मध्य विद्यालय को उच्च विद्यालय से जोड़ा गया है। इसी योजना के तहत इस विद्यालय में मध्य विद्यालय के छात्रों को भी समायोजित किया गया है। हालांकि, विद्यालय में केवल आठ कमरे हैं, जिनकी कुल क्षमता लगभग 320 छात्रों की है, जबकि यहां लगभग 1000 छात्राएं पढ़ाई कर रही हैं। भीड़भाड़ और सीमित अवसंरचना के कारण विद्यालय में व्यवस्था बिगड़ गई है।
गुरुवार को मौसम बेहद गर्म और उमस भरा था, जिससे कई छात्राएं बेचैनी महसूस करने लगीं। शुरुआत में कुछ बच्चियों को चक्कर आए और फिर एक के बाद एक कई छात्राएं अचानक अस्वस्थ हो गईं। कक्षाओं में पंखों की कमी और अत्यधिक भीड़ के कारण बच्चियों को गर्मी सहन करना मुश्किल हो गया। स्थानीय ग्रामीणों और अभिभावकों ने विद्यालय में व्याप्त अव्यवस्था और संसाधनों की कमी पर नाराज़गी जताई है। उनका कहना है कि इतनी बड़ी संख्या में छात्राओं के लिए विद्यालय में पर्याप्त कमरे, पीने का साफ पानी और ठंडक की सुविधा होनी चाहिए, ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।