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बिहार क्रिकेट में भ्रष्टाचार का नया मामला: राकेश तिवारी पर गंभीर आरोप

बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश तिवारी पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं, जिसके चलते पटना की सड़कों पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। पोस्टरों में आरोप लगाया गया है कि बाहरी खिलाड़ियों को जाली दस्तावेजों के जरिए टीम में शामिल किया जा रहा है, जिससे स्थानीय खिलाड़ियों की प्रतिभा का हनन हो रहा है। क्या बिहार क्रिकेट की बदहाली के पीछे यही भ्रष्टाचार है? जानें इस विवाद के बारे में और क्या है लोगों की राय।
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बिहार क्रिकेट में भ्रष्टाचार का नया मामला: राकेश तिवारी पर गंभीर आरोप

बिहार क्रिकेट विवाद: राकेश तिवारी के खिलाफ प्रदर्शन

बिहार क्रिकेट विवाद: भारत में क्रिकेट को एक उत्सव के रूप में देखा जाता है, लेकिन बिहार में इसकी स्थिति हमेशा विवादों से भरी रही है। हाल ही में, पटना की सड़कों पर बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (BCA) के अध्यक्ष राकेश तिवारी के खिलाफ पोस्टर लगाए गए हैं। ये पोस्टर किसी टूर्नामेंट के प्रचार के लिए नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार के आरोपों के खिलाफ हैं, जिसने क्रिकेट प्रेमियों और खिलाड़ियों में हड़कंप मचा दिया है।


इन पोस्टरों में राकेश तिवारी पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। 'बिहारी क्रिकेटरों की है हुंकार' शीर्षक वाले इन पोस्टरों में कहा गया है कि बिहार के खिलाड़ियों को नजरअंदाज कर बाहरी खिलाड़ियों को नकली दस्तावेजों के माध्यम से टीम में शामिल किया जा रहा है। आरोप है कि राजस्थान, कोलकाता, उत्तराखंड और हापुड़ से खिलाड़ियों को जाली जन्म प्रमाण पत्र बनवाकर बिहार टीम में जगह दी गई है, जिससे स्थानीय खिलाड़ियों की प्रतिभा का हनन हो रहा है।


भ्रष्टाचार का आरोप और संगठन की स्थिति

संगठन में फैले भ्रष्टाचार को बढ़ावा


पोस्टर में यह भी कहा गया है कि कोषाध्यक्ष की मृत्यु की जानकारी छुपाकर बैंक से नगद निकासी की गई और पैसे दूसरे खातों में जमा करवाए गए। आरोप यह भी है कि राकेश तिवारी ने अपने पद का दुरुपयोग कर संगठन में फैले भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया है। पोस्टर पर बड़े अक्षरों में लिखा गया है, 'क्रिकेटरों में शोर है, राकेश तिवारी चोर है।' यह पहली बार नहीं है जब BCA अध्यक्ष पर ऐसे आरोप लगे हों। इससे पहले भी कई बार राकेश तिवारी को भ्रष्टाचार और पक्षपात के आरोपों का सामना करना पड़ा है।


बिहार क्रिकेट की स्थिति पर सवाल

बिहार क्रिकेट की बदहाली


दिलचस्प बात यह है कि इन पोस्टरों में राकेश तिवारी की तस्वीर के साथ कोषाध्यक्ष भाजपा का उल्लेख भी किया गया है, जिससे राजनीतिक रंग की भी चर्चा होने लगी है। पटना में लगे इन पोस्टरों के बाद यह सवाल उठ रहा है कि क्या बिहार क्रिकेट की बदहाली के पीछे भ्रष्टाचार ही मुख्य कारण है। लोगों का कहना है कि बिहार जैसे प्रतिभाशाली खिलाड़ियों वाले राज्य में अगर भ्रष्टाचार हावी रहेगा तो यहां के क्रिकेटरों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने का अवसर नहीं मिल पाएगा।