बिहार में आंधी-तूफान से तबाही, सात लोगों की जान गई
बिहार में प्राकृतिक आपदा का कहर
सोमवार की शाम को बिहार के विभिन्न क्षेत्रों में आए भयंकर आंधी-तूफान और मूसलधार बारिश ने व्यापक तबाही मचाई है। इस प्राकृतिक आपदा का सबसे अधिक असर सीवान जिले में देखने को मिला, जहां सात लोगों की जान चली गई। मृतकों में महिलाएं, पुरुष और एक बुजुर्ग शामिल हैं, जो इस विनाशकारी तूफान की गंभीरता को दर्शाते हैं।सीवान में तूफान के कारण कई पेड़ गिर गए, जिससे सड़कें अवरुद्ध हो गईं और चारों ओर तबाही का मंजर फैला रहा। कमजोर और कच्चे घरों की दीवारें और छतें ढह गईं, जिससे कई परिवार बेघर हो गए।
मृतकों की सूची में शामिल हैं: बरहड़िया थाना के बहादुर गांव में 30 वर्षीय मजदूर शाहिद अख्तर की मौत छत पर काम करते समय संतुलन बिगड़ने से हुई। बसंतपुर थाना क्षेत्र के बसांव गांव में 55 वर्षीय नंदकिशोर सिंह पर एक विशाल नीम का पेड़ गिर गया, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
विशुनपुरा गांव में 40 वर्षीय अलीमुन बेगम पर महुआ का पेड़ गिरा, जिससे उनकी भी जान चली गई। लकड़ी नवीगंज थाना क्षेत्र के बाजितपुर गांव में 35 वर्षीय व्यवसायी यूसुफ अली की कार पर एक बड़ा बरगद का पेड़ गिरा, जिससे उनकी मृत्यु हो गई।
लखनौरा गांव में 52 वर्षीय कलपती देवी अपने घर की दीवार गिरने से मलबे में दब गईं। माधोपुर गांव में विजय प्रसाद की पत्नी चंद्रवंती देवी आंगन में थीं, तभी एक आम का पेड़ उन पर गिर गया। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन दुर्भाग्यवश उनकी जान नहीं बचाई जा सकी।
जीबी नगर थाना क्षेत्र के सतवार गांव में 75 वर्षीय श्रीराम प्रसाद की झोपड़ी ढह गई, जिससे वे मलबे में दबकर अपनी जान गंवा बैठे।
राज्य सरकार ने इस दुखद घटना के बाद पीड़ित परिवारों के लिए त्वरित सहायता की घोषणा की है। आपदा राहत कोष से प्रत्येक मृतक परिवार को 4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने का ऐलान किया गया है, जो इन परिवारों के लिए एक सहारा बनेगा।