बिहार में एनडीए की प्रचंड जीत, छोटी कुमारी ने खेसारीलाल को हराया
बिहार में एनडीए की वापसी
पटना: बिहार में एक बार फिर एनडीए ने प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापसी की है। इस बार जीत का अंतर 2020 की तुलना में और भी बड़ा रहा। चुनाव में एनडीए ने शानदार प्रदर्शन किया और महागठबंधन को भारी अंतर से पीछे छोड़ दिया। कई सीटों पर कड़ी टक्कर देखने को मिली, लेकिन नतीजे स्पष्ट रहे। बिहार की राजनीति में इस समय एनडीए पूरी तरह से हावी है।
छपरा विधानसभा सीट का दिलचस्प मुकाबला
इस चुनाव में सबसे दिलचस्प मुकाबलों में से एक छपरा विधानसभा सीट का चुनाव रहा। महागठबंधन ने यहां भोजपुरी अभिनेता और गायक खेसारीलाल यादव को मैदान में उतारा था। शुरू में माना जा रहा था कि उनकी स्टार छवि और लोकप्रियता उन्हें फायदा पहुंचाएगी। लेकिन नतीजों ने सबको चौंका दिया। भाजपा की उम्मीदवार छोटी कुमारी ने खेसारीलाल को करीब 7600 वोटों से हराकर यह सीट अपने नाम कर ली।
छोटी कुमारी की पहचान
छोटी कुमारी कौन हैं?
छोटी कुमारी छपरा में पहले जिला परिषद अध्यक्ष रह चुकी हैं और अपने सक्रिय व सरल स्वभाव के कारण लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हैं। इस चुनाव में भाजपा ने मौजूदा विधायक सीएन गुप्ता की जगह उन्हें टिकट दिया और यह फैसला बिल्कुल सही साबित हुआ।
हालांकि उनकी औपचारिक शिक्षा केवल 12वीं तक है, लेकिन राजनीतिक समझ और स्थानीय स्तर पर उनकी पकड़ काफी मजबूत मानी जाती है। उनके पति धर्मेंद्र साह भाजपा के जिला महासचिव हैं, जिनका राजनीतिक अनुभव भी उनके लिए बड़ा सहारा रहा। छोटी कुमारी वैश्य समाज से आती हैं, जिसका छपरा के मतदाताओं में बड़ा प्रभाव है। यही वजह है कि वह लोगों के बीच आसानी से अपनी पकड़ बना पाईं।
चुनाव प्रचार के दौरान उनकी सादगी, लोगों से सीधा जुड़ाव और परिवार का राजनीतिक अनुभव उनके लिए बड़ी ताकत साबित हुआ। 1962 के बाद पहली बार इस सीट से किसी महिला ने जीत हासिल की है। इससे पहले सुंदरी देवी कांग्रेस से विधायक चुनी गई थीं। अब छोटी कुमारी द्वारा यह उपलब्धि छपरा में महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी के लिए एक नई मिसाल बनी है।
बिहार चुनाव के परिणाम
बिहार चुनाव के फाइनल नतीजे
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए ने कुल 202 सीटों पर जीत दर्ज की। इसमें भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, जिसने 89 सीटें जीतीं। जदयू ने शानदार वापसी करते हुए 85 सीटें हासिल कीं। लोजपा (आरवी) ने 19 सीटें जीतीं, जबकि हम को 5 और आरएलएम को 4 सीटें मिलीं।
वहीं, महागठबंधन का प्रदर्शन बेहद कमजोर रहा। राजद, जो 2020 में सबसे बड़ी पार्टी थी, इस बार केवल 25 सीटें जीत सकी। कांग्रेस का हाल भी खराब रहा और उसे केवल 6 सीटों से संतोष करना पड़ा।
