बिहार में दुलारचंद यादव की संदिग्ध मौत: पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने बढ़ाई जटिलता
पटना में हुई हिंसक घटना का नया मोड़
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान मोकामा क्षेत्र में हुई एक हिंसक घटना ने नया मोड़ ले लिया है। जन सुराज पार्टी के समर्थक और पूर्व राजद नेता दुलारचंद यादव (76) की संदिग्ध मौत के मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने जांच को जटिल बना दिया है।
डॉक्टरों की एक तीन सदस्यीय टीम ने स्पष्ट किया है कि दुलारचंद की मृत्यु गोली लगने से नहीं हुई। यह जानकारी न केवल घटना की प्रकृति पर सवाल उठाती है, बल्कि राजनीतिक आरोपों को भी नया मोड़ दे सकती है। डॉ. अजय कुमार ने बताया कि दुलारचंद को पैर में एंकल ज्वाइंट के पास गोली लगी थी।
डॉ. अजय कुमार ने कहा कि दुलारचंद के शरीर पर कई अन्य जख्म भी पाए गए हैं, जिनमें से अधिकांश घाव छिलने जैसे प्रतीत हो रहे हैं। चिकित्सकों का कहना है कि ऐसी चोटों से जान का जाना असंभव है। मौत से पहले शव का एक्स-रे भी किया गया, जिसमें कोई घातक गोली का असर नहीं पाया गया। डॉ. कुमार ने आगे कहा कि शरीर पर कई अन्य चोटें भी मिलीं, जो खरोंच या मारपीट के निशान जैसी दिखती हैं।
पीयूष प्रियदर्शी ने गंभीर आरोप लगाए
घटना गुरुवार दोपहर की है, जब जन सुराज के उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी के प्रचार अभियान के दौरान बसावन चक के पास दो गुटों के बीच झड़प हुई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, दुलारचंद को पहले लाठियों से पीटा गया, फिर पैर में गोली मारी गई और कथित तौर पर एक वाहन से रौंदा गया। प्रारंभिक रिपोर्टों में इसे गोलीबारी का मामला बताया गया, लेकिन शुक्रवार को सदर अस्पताल में हुए पोस्टमार्टम ने पूरी तस्वीर बदल दी।
अनंत सिंह पर मामला दर्ज
इस रिपोर्ट के बाद सवाल उठ रहे हैं कि दुलारचंद की मौत का असली कारण क्या था? क्या यह मारपीट या वाहन से कुचलने के कारण हुई? पटना ग्रामीण के एसपी विक्रम सिहाग ने पुष्टि की कि जांच में मेडिकल बोर्ड की निगरानी में पोस्टमार्टम हुआ था और अब फोरेंसिक विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है। घटनास्थल से मिले सबूतों और चश्मदीद बयानों के आधार पर एफआईआर दर्ज की गई है, जिसमें जदयू उम्मीदवार अनंत सिंह और उनके समर्थकों पर आरोप लगाए गए हैं। अनंत सिंह ने किसी भी संलिप्तता से इनकार किया है।
