बिहार में नई रेल लाइन का निर्माण: मुजफ्फरपुर जंक्शन पर ट्रैफिक में सुधार

बिहार में नई रेल लाइन का निर्माण
बिहार समाचार: बिहार में एक नई रेल लाइन के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। यह योजना आठ वर्ष पूर्व सोनपुर रेल मंडल के पूर्व डीआरएम द्वारा रेलवे बोर्ड को प्रस्तुत की गई थी। अब रेलवे बोर्ड ने इस नई रेल लाइन के निर्माण को हरी झंडी दे दी है। तुर्की से सिलौत तक लगभग 12 किलोमीटर लंबी यह रेल लाइन बनाई जाएगी। इसके लिए सर्वेक्षण का कार्य प्रारंभ हो चुका है और जल्द ही रिपोर्ट भी प्रस्तुत की जाएगी। सर्वेक्षण को तेजी से पूरा करने के लिए तीन अलग-अलग एजेंसियों को नियुक्त किया गया है। इस नई रेल लाइन के निर्माण से मुजफ्फरपुर जंक्शन पर मालगाड़ियों की भीड़ कम होगी और ट्रैफिक में सुधार होगा।
नारायणपुर मालगोदाम या समस्तीपुर की दिशा में जाने वाली मालगाड़ी अब तुर्की स्टेशन से सीधे निकलकर सिलौत स्टेशन से होकर गुजरेगी। तुर्की से सिलौत तक बनने वाली नई रेल लाइन का मार्ग तुर्की स्टेशन से प्रारंभ होकर माधोपुर गांव के निकट से होते हुए, फिर दिघरा और काजीइंडा के पास से होकर सिलौत स्टेशन तक जाएगा। इसके साथ ही, काजीइंडा के निकट राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) के पास न्यू मुजफ्फरपुर स्टेशन बनाने का भी प्रस्ताव है।
इस नई रेल लाइन के निर्माण से मालगाड़ियों के संचालन में समय की बचत होगी। मुजफ्फरपुर जंक्शन से प्रतिदिन 80 से अधिक मेल और एक्सप्रेस ट्रेनें आती-जाती हैं। चूंकि यह लाइन हमेशा व्यस्त रहती है, कई बार गुड्स ट्रेनें घंटों तक इंतजार करती हैं। इससे माल समय पर अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच पाता और व्यापारियों का माल खराब होने का खतरा बढ़ जाता है, जिससे रेलवे और व्यापार दोनों को नुकसान होता है।
न्यू मुजफ्फरपुर स्टेशन की एनएच से कनेक्टिंग:
काजीइंडा गांव के पास राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) के निकट नया न्यू मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन बनाने का प्रस्ताव है। इसके लिए भूमि का निरीक्षण किया जा रहा है और भूमि अधिग्रहण का आदेश भी जारी किया गया है। एनएच के निकट स्टेशन बनने से मालगाड़ियां यहां से ट्रक और अन्य वाहनों द्वारा समस्तीपुर या अन्य स्थानों तक आसानी से पहुंच सकेंगी।
नई रेल लाइन में हाईटेंशन तार की समस्या:
तुर्की से सिलौत तक बनने वाली नई रेल लाइन के सर्वेक्षण में यह पता चला है कि मार्ग में 132 केवी के कई हाईटेंशन तार आ रहे हैं। रेलवे अधिकारी अब बिजली विभाग के अधिकारियों से इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे। यदि हाईटेंशन तार हटाने में अधिक खर्च आएगा, तो रेल लाइन का मार्ग बदला जाएगा। लेकिन यदि बिजली विभाग सहयोग करता है और तार हटा देता है, तो रेल लाइन सीधे बनाई जाएगी। इस पर अभी चर्चा और योजना बनाई जा रही है।