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बिहार में पुल ढहने की घटनाएं: भ्रष्टाचार और लापरवाही का मामला

बिहार में पुलों के धंसने की घटनाएं एक बार फिर से भ्रष्टाचार और लापरवाही की ओर इशारा कर रही हैं। अररिया जिले में हाल ही में एक पुल का पिलर धंस गया, जिससे आवाजाही बाधित हो गई। कांग्रेस पार्टी ने इस घटना को लेकर सरकार पर निशाना साधा है, जबकि ग्रामीणों ने निर्माण में अनियमितताओं का आरोप लगाया है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और इसके पीछे की सच्चाई।
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बिहार में पुल ढहने की घटनाएं: भ्रष्टाचार और लापरवाही का मामला

बिहार में पुलों की स्थिति पर चिंता


बिहार। बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान अररिया जिले में पुल निर्माण में भ्रष्टाचार और लापरवाहियों का एक और मामला सामने आया है। सिकटी विधानसभा क्षेत्र में बकरा नदी पर बने पुल के धंसने की घटना के बाद अब फारबिसगंज प्रखंड में सांसद प्रदीप कुमार सिंह के पैतृक गांव कौआचार को जोड़ने वाला पुल भी संकट में है। परमान नदी पर बने इस पुल का मध्य पिलर अचानक धंस गया, जिससे आवाजाही पूरी तरह से बाधित हो गई है।




कांग्रेस पार्टी ने एक वीडियो साझा करते हुए कहा कि नीतीश और मोदी का भ्रष्टाचार स्पष्ट है। उन्होंने बताया कि 2022 में करोड़ों रुपये खर्च कर बनाए गए पुल की स्थिति अब खराब हो गई है। तीन साल में पुल का ढहना NDA के विकास के दावों की पोल खोलता है।


आज, 3 नवंबर को, अररिया में परमान नदी पर बने 3.80 करोड़ रुपये के पुल का एक पिलर अचानक धंस गया, जिससे पुल तिरछा होकर रुक गया।


पुल का विवरण:


पुल का नाम: कौआचार घाट ब्रिज


स्थान: फॉरबिसगंज प्रखंड, अररिया


मुख्य सड़क से कौआचार गांव को जोड़ता था


निर्माण: ग्रामीण कार्य विभाग (RWD), बिहार


घटना का विवरण:


30 अक्टूबर को इंजीनियरों ने देखा कि पिलर थोड़ा धंस गया है। 2 नवंबर की रात तक सब ठीक था, लेकिन 3 नवंबर की सुबह अचानक पुल ढह गया। सौभाग्य से उस समय कोई वाहन नहीं था, जिससे कोई जनहानि नहीं हुई। अब लोग नाव से नदी पार कर रहे हैं। यह पुल भारत-नेपाल सीमा पर स्थित एक महत्वपूर्ण पुल था, जिसका उद्घाटन 2023 में अमित शाह ने किया था।


ग्रामीणों की प्रतिक्रिया:


स्थानीय लोगों का कहना है कि पुल निर्माण में गंभीर अनियमितताएं हुई थीं, जिसके कारण इसकी स्थिति इतनी जल्दी खराब हो गई। यह घटना विभागीय अधिकारियों और सरकार के लिए चुनावी समय में परेशानी का कारण बन गई है।


सवाल उठ रहे हैं:


इससे पहले, 18 जून 2024 को सिकटी प्रखंड में बकरा नदी पर बने 12 करोड़ रुपये के पुल के धंसने की घटना भी हुई थी। दोनों पुलों का निर्माण ग्रामीण कार्य विभाग, अररिया द्वारा किया गया था, जिससे विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं।


ग्रामीण कार्य विभाग के इंजीनियर चंद्रशेखर कुमार ने बताया कि पुल के धंसने की जानकारी पहले ही विभाग को मिल गई थी। 30 अक्टूबर को विभाग को इस संबंध में पत्र भेजा गया था। अब स्थिति को देखते हुए डीएम और एसपी को भी सूचित किया गया है ताकि लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।


उन्होंने कहा कि संवेदक की पांच वर्ष की गारंटी अवधि समाप्त हो चुकी है, फिर भी पुल की आयु और निर्माण गुणवत्ता की जांच कराई जाएगी। विभागीय आदेश के तहत दोषियों पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।


अनियमितताओं का बड़ा मामला:


ग्रामीण कार्य विभाग अररिया में अनियमितताओं का बड़ा नाम बन गया है। यह स्पष्ट हो रहा है कि इस विभाग में काम की निगरानी और गुणवत्ता की स्थिति चिंताजनक है। सिकटी के पड़रिया में बकरा नदी पर निर्माणाधीन 12 करोड़ रुपये का पुल हो या कौआचार जाने वाला पुल, दोनों के संवेदक अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन निर्माण कराने वाला विभाग एक ही है। इस पुल के निर्माण के लिए 4.15 करोड़ रुपये का एस्टीमेट था और निर्माण में 3.80 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। पुल की लंबाई 129 मीटर थी।