बिहार में महागठबंधन का बंद: चुनाव आयोग के खिलाफ विपक्ष का आक्रोश

महागठबंधन का राज्यव्यापी बंद
महागठबंधन बिहार बंद: बिहार में महागठबंधन ने बुधवार को चुनाव आयोग की स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया के खिलाफ राज्यव्यापी बंद का ऐलान किया है। विपक्ष का आरोप है कि यह कदम आगामी विधानसभा चुनाव से पहले बड़े पैमाने पर मतदाताओं को वोटर लिस्ट से बाहर करने की साजिश है। इस आंदोलन का नेतृत्व कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव जैसे प्रमुख नेता कर रहे हैं। पटना में एक विशाल रैली और चुनाव आयोग के कार्यालय को घेरने की योजना भी बनाई गई है.
तेजस्वी यादव की प्रतिक्रिया
तेजस्वी यादव ने SIR प्रक्रिया की कड़ी आलोचना करते हुए कहा, "हम 9 जुलाई को चक्का जाम करेंगे। चुनाव आयोग और सरकार दोनों को विपक्ष घेरने वाला है। यह हैरानी की बात है कि आयोग हर घंटे अपने आदेश बदल रहा है, जिससे BLO और अन्य कर्मचारी भ्रमित हैं।"
विपक्ष का आक्रोश
चुनाव आयोग के खिलाफ क्यों भड़का विपक्ष?
महागठबंधन का आरोप है कि SIR प्रक्रिया का उपयोग गरीब, दलित, महादलित, प्रवासी मजदूरों और हाशिये पर खड़े समुदायों को मतदाता सूची से हटाने के लिए किया जा रहा है। विपक्ष ने इसे वोट ब्लॉक करने की साजिश करार दिया है। अक्टूबर-नवंबर में संभावित विधानसभा चुनाव से पहले यह मुद्दा सियासी रंग ले चुका है.
बिहार में उग्र प्रदर्शन
बिहार में उग्र हुए प्रदर्शन:
बिहार के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गए हैं। पटना के मनेर क्षेत्र में राजद और माकपा कार्यकर्ताओं ने टायर जलाकर सड़क को जाम कर दिया। जहानाबाद में राजद के छात्र संगठन ने रेलवे ट्रैक और NH-82 को बाधित किया। दरभंगा में भी राजद समर्थकों ने नमो भारत ट्रेन को रोका।
चुनाव आयोग की सफाई
चुनाव आयोग की सफाई:
चुनाव आयोग का कहना है कि SIR एक नियमित और संवैधानिक प्रक्रिया है, जिसे हर चुनाव से पहले किया जाता है। यह प्रक्रिया छह राज्यों में अवैध विदेशी मतदाताओं को हटाने की बड़ी पहल का हिस्सा है, जिसकी शुरुआत बिहार से हुई है। आयोग ने एक बयान में कहा, "भारत का संविधान सर्वोच्च है। सभी नागरिक, राजनीतिक दल और चुनाव आयोग संविधान का पालन करते हैं।"
BLO और स्वयंसेवकों की तैनाती
BLO और वॉलंटियर्स की बड़ी फौज मैदान में:
चुनाव आयोग के अनुसार, राज्य में लगभग 78,000 बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) पहले से तैनात हैं, और हाल ही में बनाए गए मतदान केंद्रों के लिए 20,000 और BLO की नियुक्ति की जा रही है। इसके साथ ही 1 लाख से अधिक स्वयंसेवक भी असहाय, बुजुर्ग, विकलांग और कमजोर मतदाताओं तक पहुंचने में मदद कर रहे हैं।
अगले कदम की योजना
क्या होगा अगला कदम?
आयोग के अनुसार, ड्राफ्ट वोटर लिस्ट 1 अगस्त को प्रकाशित की जाएगी। इसके बाद 1 सितंबर तक आपत्तियों और दावों का समय मिलेगा और अंतिम सूची 30 सितंबर को जारी की जाएगी। हालांकि आयोग इसे सामान्य प्रक्रिया बता रहा है, लेकिन चुनावी साल में यह प्रक्रिया एक बड़ा सियासी मुद्दा बन गई है। जब संस्थाओं पर भरोसे का संकट हो, तो प्रक्रिया भी विवाद का कारण बन जाती है.