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बिहार में राज्यसभा चुनाव की तैयारी तेज, पांच सीटों पर राजनीतिक हलचल

बिहार में राज्यसभा की पांच सीटों के लिए चुनावी गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। अगले साल अप्रैल में होने वाले चुनावों में आरजेडी, जेडीयू और आरएलएम के सांसदों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। एनडीए को चार सीटें जीतने के लिए 202 विधायकों का समर्थन है, लेकिन पांचवीं सीट के लिए उसे विपक्ष के सहयोग की आवश्यकता होगी। भाजपा के नितिन नबीन और भोजपुरी गायक पवन सिंह के नाम चर्चा में हैं। जानें इस चुनाव में क्या हैं प्रमुख चुनौतियाँ और विपक्ष की एकता की आवश्यकता।
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बिहार में राज्यसभा चुनाव की तैयारी तेज, पांच सीटों पर राजनीतिक हलचल

राज्यसभा सीटों पर चुनावी गतिविधियाँ


बिहार: बिहार की पांच राज्यसभा सीटों के लिए चुनावी गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। ये चुनाव अगले साल अप्रैल में होंगे। जिन सांसदों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है, उनमें आरजेडी के प्रेम चंद गुप्ता और एडी सिंह, जेडीयू के हरिवंश और राम नाथ ठाकुर, और राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) के उपेंद्र कुशवाहा शामिल हैं। इस संदर्भ में तैयारियाँ जोरों पर हैं।


राज्यसभा सीट जीतने के लिए आवश्यक वोट

जीत के लिए कितने वोट चाहिए?


बिहार से राज्यसभा की एक सीट जीतने के लिए किसी उम्मीदवार को कम से कम 41 विधायकों का समर्थन प्राप्त करना आवश्यक है। वर्तमान में एनडीए के पास 202 विधायक हैं, जिससे वह चार सीटें आसानी से जीत सकता है। हालांकि, पांचवीं सीट के लिए उसे विपक्ष के कुछ विधायकों का समर्थन चाहिए होगा।


भाजपा के संभावित उम्मीदवार

भाजपा में किन नामों की चर्चा?


भाजपा की ओर से नितिन नबीन का नाम सबसे अधिक चर्चा में है। वे बांकीपुर से विधायक हैं और पूर्व में राज्य मंत्री रह चुके हैं। हाल ही में उन्हें भाजपा का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। पार्टी के सूत्रों के अनुसार, उन्हें दिल्ली के लुटियंस जोन में बंगला नंबर 9 आवंटित किया गया है, और मकर संक्रांति के बाद उनके वहां शिफ्ट होने की संभावना है। दिलचस्प यह है कि इसी क्षेत्र में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी का निवास भी है।


इसके अलावा, भाजपा के कुछ नेताओं के बीच भोजपुरी गायक और अभिनेता पवन सिंह के नाम की भी चर्चा हो रही है।


पांचवीं सीट की चुनौतियाँ

पांचवीं सीट क्यों सबसे मुश्किल?


पांचवीं राज्यसभा सीट को लेकर सबसे बड़ा सवाल केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के कारण है। उनकी पार्टी के पास एनडीए में इतनी संख्या नहीं है कि वे अपने दम पर जीत सुनिश्चित कर सकें। चिराग पासवान अपनी मां रीना पासवान के लिए राज्यसभा सीट की मांग कर रहे हैं।


विपक्ष की एकता की आवश्यकता

विपक्ष के सामने बड़ी चुनौती


राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यदि विपक्ष पूरी तरह से एकजुट हो जाए, तो वह 41 विधायकों के सहारे एक सीट जीत सकता है। पटना के राजनीतिक विश्लेषक धीरेंद्र कुमार के अनुसार, तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले महागठबंधन के लिए यह अनुशासन और तालमेल की बड़ी परीक्षा है। यदि तालमेल नहीं बना, तो विपक्ष को राज्यसभा में नुकसान उठाना पड़ सकता है।