बिहार में विकास की नई लहर: सरकार का भरोसा और योजनाएं
बिहार में विकास की गति को तेज करने की उम्मीद
बिहार के नागरिकों को विश्वास है कि वर्तमान सरकार अगले पांच वर्षों में विकास की गति को कई गुना बढ़ा देगी। यह विश्वास इस तथ्य पर आधारित है कि राज्य में बुनियादी ढांचे का विकास पूरा हो चुका है, जिससे एक मजबूत आधार तैयार हो गया है। बिहार का जीडीपी में योगदान धीरे-धीरे बढ़ रहा है और यह चार प्रतिशत से अधिक हो गया है। यह ध्यान देने योग्य है कि बिहार एक उपभोग आधारित अर्थव्यवस्था वाला राज्य है, और बाहरी रेमिटेंसेज के कारण यह कई अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर स्थिति में है।
जनादेश का महत्व और विकास की निरंतरता
बिहार के जनादेश को समझने में किसी भी प्रकार का भ्रम नहीं होना चाहिए। चुनाव परिणामों के तुरंत बाद, प्रधानमंत्री ने इसे 'सुशासन और विकास' की जीत बताया। बिहार के जागरूक मतदाताओं ने विकास और सुशासन की निरंतरता को बनाए रखने के लिए जनादेश दिया है। इस बार, भारतीय जनता पार्टी और जनता दल यू को विकास की गति को तेज करने के लिए भी समर्थन मिला है। चुनाव प्रचार के दौरान, नेताओं ने बार-बार कहा कि बिहार में विकास के लिए एक मजबूत आधार तैयार है।
विपक्ष के सवाल और जनता का जवाब
विपक्ष ने बार-बार सवाल उठाए हैं कि बिहार में औद्योगिक विकास क्यों नहीं हो रहा है और पलायन क्यों नहीं रुक रहा है। इन सवालों का जवाब जनता ने अपने जनादेश से दिया है। बिहार के लोग जानते हैं कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में जब पहली बार सरकार बनी थी, तब राज्य की स्थिति क्या थी। उस समय बिहार में 'जंगल राज' था, और विकास की दर तीन प्रतिशत से भी कम थी।
नीतीश कुमार का नेतृत्व और विकास की दिशा
नीतीश कुमार ने धीरे-धीरे बिहार को पटरी पर लाने का कार्य शुरू किया। उन्होंने कानून व्यवस्था को बहाल किया और लोगों का विश्वास पुनर्स्थापित किया। इसके बाद, बुनियादी ढांचे में सुधार का कार्य प्रारंभ हुआ। शिक्षा और पुलिस विभाग में बड़ी संख्या में नियुक्तियां की गईं। महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कई योजनाएं लागू की गईं।
बिहार की विकास दर और औद्योगिक क्षेत्र में वृद्धि
हालांकि बिहार की प्रगति की गति तेज नहीं रही है, लेकिन ऐतिहासिक परिस्थितियों के बावजूद, भाजपा और जनता दल यू की सरकार ने विकास के रास्ते पर राज्य को लाने में सफलता प्राप्त की है। पिछले दो वर्षों में, बिहार की विकास दर नौ प्रतिशत से अधिक रही है। अब उद्योग और सेवा क्षेत्र रोजगार के प्रमुख स्रोत बन गए हैं।
भविष्य की योजनाएं और पर्यटन की संभावनाएं
बिहार में कृषि के अलावा पर्यटन क्षेत्र में भी अपार संभावनाएं हैं। केंद्रीय गृह मंत्री ने सीतामढ़ी में माता जानकी के भव्य मंदिर का शिलान्यास किया है, जिससे धार्मिक पर्यटन में अभूतपूर्व वृद्धि की उम्मीद है।
मतदाता सूची की शुद्धता और चुनावी प्रक्रिया
मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण के माध्यम से लगभग 70 लाख मतदाताओं के नाम हटाए गए, जिससे मतदान प्रतिशत में वृद्धि हुई। आजादी के बाद पहली बार बिहार में 67 प्रतिशत मतदान हुआ।
नई सरकार का गठन और राजनीतिक बदलाव
बिहार में नए जनादेश के बाद सरकार का गठन हो चुका है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गृह मंत्रालय छोड़ा है, और भाजपा विधायक दल के नेता सम्राट चौधरी नए गृह मंत्री बने हैं। यह बदलाव केंद्र के साथ बेहतर तालमेल के लिए आवश्यक है।
उम्मीदें और विकास की दिशा
इस बार, दोनों प्रमुख दलों के बीच चुनाव के दौरान जैसा समन्वय दिखा था, वह सरकार के संचालन में भी दिखाई देगा। इससे उम्मीद की जा रही है कि बिहार विकास की नई ऊंचाइयों को छू सकेगा।
