Newzfatafatlogo

बिहार में संतोष कुशवाहा का आरजेडी में शामिल होना: राजनीतिक हलचल तेज

बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच संतोष कुशवाहा ने आरजेडी में शामिल होकर राजनीतिक हलचल मचा दी है। उनके इस कदम से JDU में हड़कंप मच गया है। तेजस्वी यादव ने उनके स्वागत में कहा कि यह बदलाव बिहार की राजनीति में नई ऊर्जा लाएगा। कुशवाहा ने JDU पर आरोप लगाया कि पार्टी में अति पिछड़ा वर्ग और महादलितों के लिए कोई स्थान नहीं रह गया है। जानें उनके राजनीतिक सफर और इस बदलाव के पीछे की वजहें।
 | 
बिहार में संतोष कुशवाहा का आरजेडी में शामिल होना: राजनीतिक हलचल तेज

संतोष कुशवाहा का आरजेडी में प्रवेश


संतोष कुशवाहा: बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच राजनीतिक गतिविधियाँ अपने चरम पर हैं। नामांकन प्रक्रिया शुरू होते ही दल-बदल की गतिविधियाँ भी तेज हो गई हैं। इसी क्रम में, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाली जनता दल (यूनाइटेड) को एक और बड़ा झटका लगा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद संतोष कुशवाहा ने शुक्रवार को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव की उपस्थिति में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) में शामिल हो गए। उनके साथ कई अन्य नेता भी विपक्षी खेमे में आए, जिससे JDU में हड़कंप मच गया है।


आरजेडी के पटना मुख्यालय में एक साधारण समारोह में संतोष कुशवाहा ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता ग्रहण की। तेजस्वी यादव ने उनका स्वागत करते हुए कहा कि यह बदलाव बिहार की राजनीति में नई ऊर्जा लाएगा। उन्होंने कहा, "बिहार की जनता अब सशक्त और समावेशी शासन की चाह रखती है। ऐसे नेताओं का हमारे साथ आना इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।" समारोह में कुशवाहा के अलावा पूर्व विधायक राहुल शर्मा, लोजपा के पूर्व प्रत्याशी अजय कुशवाहा और JDU सांसद गिरधारी प्रसाद यादव के पुत्र चाणक्य प्रकाश रंजन भी RJD में शामिल हुए। इन नेताओं के आगमन से विपक्षी महागठबंधन को मजबूती मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।


JDU पर आरोप


आरजेडी में शामिल होने के बाद संतोष कुशवाहा ने मीडिया से खुलकर बात की। उन्होंने JDU पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी में अब अति पिछड़ा वर्ग (EBC), लव-कुश समुदाय और महादलितों के लिए कोई स्थान नहीं रह गया है। कुशवाहा ने कहा, "JDU में हर कोई अब वैकल्पिक रास्ते तलाश रहा है। वोट तो पिछड़े, अति पिछड़े और महादलितों का है, लेकिन सत्ता का संचालन कुछ ही हाथों में सिमट गया है।" उन्होंने पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा का नाम लिए बिना उन पर निशाना साधते हुए कहा कि चुनावी हार के बावजूद कुछ लोग ऊंचे पदों पर बने रहते हैं। उनका इशारा संजय झा, केंद्रीय मंत्री ललन सिंह और मंत्री विजय चौधरी जैसे नेताओं की ओर था।


कुशवाहा ने आगे कहा, "इस बार बिहार में तेजस्वी यादव के नेतृत्व में सरकार बनना तय है। RJD में मुझे वह सम्मान और अवसर मिलेगा जो मेरे समुदाय को चाहिए।" उनके इस बयान ने JDU के अंदरूनी कलह को और उजागर कर दिया है। पार्टी के कई नेता पहले से ही असंतोष जता चुके हैं, और यह घटना उसकी पुष्टि करती है।


संतोष कुशवाहा का राजनीतिक सफर


संतोष कुशवाहा बिहार की राजनीति में एक प्रमुख चेहरा हैं। कुशवाहा-कुर्मी समुदाय से संबंध रखने वाले कुशवाहा ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत भाजपा से की थी। 2010 में वे बायसी विधानसभा सीट से विधायक बने। बाद में 2013 में उन्होंने भाजपा छोड़कर JDU का दामन थामा और 2014 व 2019 के लोकसभा चुनावों में पूर्णिया से सांसद चुने गए। सीमांचल क्षेत्र में उनका मजबूत आधार होने के कारण वे JDU के लिए महत्वपूर्ण स्तंभ माने जाते थे। हालांकि, 2024 के लोकसभा चुनाव में वे पप्पू यादव से हार गए, जिसके बाद से उनकी असंतोष की खबरें आ रही थीं।