बिहार विधानमंडल में श्रम क्षेत्र के चार महत्वपूर्ण विधेयकों को मिली मंजूरी

बिहार विधानमंडल में ऐतिहासिक विधेयकों का अनुमोदन
बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र में श्रम संसाधन मंत्री संतोष कुमार सिंह ने श्रम क्षेत्र से जुड़े चार महत्वपूर्ण विधेयकों को सर्वसम्मति से पारित करने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, दोनों उपमुख्यमंत्रियों सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा के साथ-साथ राज्य की जनता को बधाई दी। इनमें जननायक भारतरत्न कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय विधेयक-2025, बिहार प्लेटफॉर्म आधारित गिग कामगार (निबंधन, सामाजिक सुरक्षा एवं कल्याण) विधेयक-2025, और बिहार दुकान एवं प्रतिष्ठान (रोजगार विनियमन और सेवा-शर्त) विधेयक-2025 शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, कारखाना (संशोधन) अधिनियम-2025 को भी मंजूरी दी गई है।
जननायक कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय विधेयक-2025
श्रम संसाधन मंत्री संतोष कुमार सिंह ने बताया कि बिहार सरकार ने युवाओं को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के अनुरूप कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए जननायक कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय की स्थापना का विधेयक विधानसभा में सर्वसम्मति से स्वीकृत किया है। यह विश्वविद्यालय राज्य के सभी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों, पॉलिटेक्निक कॉलेजों और कौशल केंद्रों को एक केंद्रीय ढांचे में लाकर गुणवत्तापूर्ण पाठ्यक्रम, प्रशिक्षण और मूल्यांकन की उपाधि प्रदान करेगा। इसका उद्देश्य कौशल प्रशिक्षण के साथ-साथ उद्यमिता, व्यावसायिक शिक्षा, नवाचार और अनुसंधान को भी बढ़ावा देना है। यह कदम युवाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
बिहार प्लेटफॉर्म आधारित गिग कामगार विधेयक-2025
गिग कामगारों के लिए प्रस्तावित विधेयक के अनुसार, राज्य सरकार एक कल्याण बोर्ड का गठन करेगी, जिसमें विभागीय मंत्री अध्यक्ष होंगे और संबंधित विभागों तथा प्लेटफॉर्म प्रतिनिधियों की भागीदारी होगी। सभी प्लेटफॉर्म और एग्रीगेटरों को 60 दिनों के भीतर पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। प्रत्येक गिग कामगार को पंजीकरण के बाद एक यूनिक आईडी दी जाएगी, जिससे वे विभिन्न योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे। इस विधेयक के तहत गिग कामगारों को दुर्घटना मृत्यु की स्थिति में चार लाख रुपये, एक सप्ताह से अधिक अस्पताल में भर्ती होने पर 16,000 रुपये, और एक सप्ताह से कम भर्ती होने पर 5,400 रुपये की सहायता मिलेगी। इसके अलावा, महिला कामगारों को मातृत्व अवकाश का लाभ भी दिया जाएगा।
बिहार दुकान एवं प्रतिष्ठान विधेयक-2025
वर्ष 1953 के 72 साल पुराने अधिनियम को निरस्त कर बिहार दुकान एवं प्रतिष्ठान विधेयक-2025 को स्वीकृति दी गई है, जिसमें रोजगार सुरक्षा, सेवा शर्तें, मजदूरी का समयबद्ध भुगतान, और महिला कामगारों के लिए समान अवसर का विस्तार किया गया है। अब प्रतिष्ठान 24x7 खुले रह सकते हैं।
कार्य के घंटों में लचीलापन और कल्याणकारी प्रावधान
इस नए विधेयक में कर्मकारों को सप्ताह में 48 घंटे की अधिकतम सीमा में लचीलापन देते हुए 5 दिन में 10 घंटे या 4 दिन में साढ़े 11 घंटे काम करने की अनुमति दी गई है। शौचालय, पीने का पानी, शिशु देखभाल कक्ष, और प्राथमिक उपचार किट जैसी सुविधाएं अनिवार्य कर दी गई हैं।
कारखाना (संशोधन) अधिनियम-2025
कारखाना अधिनियम, 1948 में संशोधन करते हुए, सप्ताहिक 48 घंटे की कार्य सीमा को बनाए रखते हुए प्रतिदिन 10 घंटे की दर से सप्ताह में 5 दिन या 11:30 घंटे की दर से सप्ताह में 4 दिन काम करने की अनुमति दी गई है। इससे न केवल उत्पादकता में वृद्धि होगी, बल्कि ओवरटाइम से मजदूरों को अतिरिक्त आय भी प्राप्त होगी।