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बिहार विधानसभा चुनाव 2025: एग्जिट पोल्स में NDA की बढ़त

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के एग्जिट पोल्स ने NDA की संभावित जीत के संकेत दिए हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में NDA एक बार फिर सत्ता में लौटने की संभावना रखता है, जबकि महागठबंधन की स्थिति कमजोर होती दिखाई दे रही है। तेजस्वी यादव ने रोजगार और महंगाई जैसे मुद्दों को उठाया, लेकिन मतदाताओं को प्रभावित करने में असफल रहे। असली तस्वीर 12 नवंबर को मतगणना के बाद स्पष्ट होगी।
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बिहार विधानसभा चुनाव 2025: एग्जिट पोल्स में NDA की बढ़त

बिहार की सियासी तस्वीर


पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के परिणामों से पहले एग्जिट पोल्स ने राज्य की राजनीतिक स्थिति को स्पष्ट कर दिया है। विभिन्न प्रमुख एग्जिट पोल्स के औसत परिणाम दर्शाते हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) एक बार फिर सत्ता में लौटने की संभावना रखता है। दूसरी ओर, महागठबंधन (MGB), जिसमें राजद और कांग्रेस शामिल हैं, उम्मीदों पर खरा नहीं उतरता दिखाई दे रहा है।


बिहार में कुल 243 विधानसभा सीटें हैं, और बहुमत के लिए 122 सीटों की आवश्यकता है। एग्जिट पोल्स के अनुसार, NDA इस आंकड़े को आसानी से पार करता नजर आ रहा है। वहीं, महागठबंधन पिछली बार की तुलना में कमजोर स्थिति में दिखाई दे रहा है, जिससे तेजस्वी यादव और राहुल गांधी की संयुक्त मुहिम को बड़ा झटका लगा है।


  • एग्जिट पोल्स के आंकड़े:


Source     NDA MGB OTH
JVC's Polls    135-150 88-103 3-6
Matrize       147-167 70-90 2-10
People's insight  133-148  87-102  3-6
People's Pulse 133-159 75-101    2-13


इन आंकड़ों का औसत निकालने पर NDA को 137 से 156 सीटें मिलने की संभावना है, जबकि महागठबंधन 80 से 99 सीटों पर सिमट सकता है। अन्य दलों और निर्दलीयों के लिए 2 से 8 सीटें बच सकती हैं।


नीतीश कुमार की लोकप्रियता

नीतीश कुमार की नेतृत्व क्षमता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता ने एक बार फिर बिहार में NDA को बढ़त दिलाई है। जातीय समीकरणों के साथ-साथ विकास और स्थिरता के मुद्दे भी NDA के पक्ष में गए हैं। विशेष रूप से महिलाओं और पहली बार वोट देने वाले युवाओं ने बड़ी संख्या में NDA का समर्थन किया है।


तेजस्वी यादव की चुनौतियाँ

तेजस्वी यादव ने इस चुनाव में रोजगार, महंगाई और भ्रष्टाचार के मुद्दों को जोर-शोर से उठाया, जबकि राहुल गांधी ने कई रैलियों के माध्यम से जनसमर्थन जुटाने की कोशिश की। फिर भी, महागठबंधन मतदाताओं को विशेष रूप से प्रभावित करने में असफल रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में राजद का पारंपरिक वोट बैंक कुछ हद तक खिसकता दिखाई दे रहा है।


हालांकि, एग्जिट पोल्स केवल अनुमान हैं, असली तस्वीर 12 नवंबर को मतगणना के बाद सामने आएगी। यदि ये रुझान परिणामों में भी दोहराए गए, तो बिहार में एक बार फिर 'नीतीशे सरकार' लौटने की संभावना है। नतीजे 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।