बिहार विधानसभा चुनाव 2025: महिलाओं की नई राजनीतिक पहचान

बिहार विधानसभा चुनाव 2025: महिलाओं की नई राजनीतिक पहचान
बिहार विधानसभा चुनाव 2025: बिहार के आगामी विधानसभा चुनाव में केवल बाहुबली पति ही नहीं, बल्कि उनकी पत्नियां भी राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। हिसुआ की नीतू कुमारी, नवादा की विभा देवी, वारिसलीगंज की अरुणा देवी, पूर्व विधायक पूर्णिमा यादव और वारिसलीगंज से चुनाव लड़ने वाली अनिता कुमारी जैसी महिलाएं अपने पतियों की राजनीतिक मजबूरियों के चलते चुनावी मैदान में उतर रही हैं।
इन महिलाओं ने यह साबित कर दिया है कि बिहार की राजनीति में पुरुषों के साथ-साथ महिलाएं भी अपनी पहचान बना सकती हैं, जब परिस्थितियां उन्हें मजबूर करती हैं।
अनिता कुमारी की कहानी
अनिता कुमारी की राजनीतिक यात्रा उनके पति अशोक महतो की सजायाफ्ता स्थिति से शुरू हुई, जब उन्होंने मुंगेर लोकसभा चुनाव में पहली बार भाग लिया। हालांकि उस समय उन्हें सफलता नहीं मिली, लेकिन अब वारिसलीगंज विधानसभा से उनकी एंट्री ने उन्हें चुनावी अनुभव प्रदान किया है। इसी तरह, वारिसलीगंज की मौजूदा बीजेपी विधायक अरुणा देवी, नवादा की राजद विधायक विभा देवी, पूर्व विधायक पूर्णिमा यादव और हिसुआ की कांग्रेस विधायक नीतू कुमारी सभी अपने पति या परिवार के राजनीतिक दबाव के कारण राजनीति में सक्रिय हुई हैं। इन महिलाओं ने न केवल अपने परिवार की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाया, बल्कि अपने दम पर चुनावी संघर्ष और जीत की कहानियां भी लिखी हैं।
अनिता कुमारी की पहली चुनौती
अनिता कुमारी का राजनीतिक सफर तब शुरू हुआ जब उनके पति अशोक महतो जेल में थे। दिसंबर 2023 में जेल से बाहर आने के बाद अशोक महतो ने राजनीतिक वापसी का निर्णय लिया, लेकिन अपनी सजायाफ्ता स्थिति के कारण खुद चुनाव नहीं लड़ सके। ऐसे में नवविवाहिता अनिता को मुंगेर लोकसभा में उतारा गया।
अरुणा, विभा और पूर्णिमा की मजबूरियों से बनी राजनीतिक पहचान
वारिसलीगंज की विधायक अरुणा देवी भी गृहिणी पृष्ठभूमि से आती हैं, लेकिन उनके पति की सजायाफ्ता स्थिति ने उन्हें चुनावी राजनीति में उतारा। नवादा की राजद विधायक विभा देवी की भी एंट्री पति राजबल्लभ यादव की राजनीतिक मजबूरियों के कारण हुई। पूर्व विधायक पूर्णिमा यादव की कहानी भी अलग नहीं है; उनके पति कौशल यादव की राजनीतिक स्थिति ने उन्हें चुनावी मैदान में उतारा।
हिसुआ की नीतू कुमारी: सजायाफ्ता परिवार से राजनीतिक पहचान
हिसुआ की कांग्रेस विधायक नीतू कुमारी की राजनीति में एंट्री भी पति और ससुर की सजायाफ्ता स्थिति के कारण हुई। उन्होंने 2010 और 2015 में हार का सामना किया, लेकिन 2020 में कांग्रेस की टिकट पर विधायक बनीं।
लंबी फेहरिस्त: बिहार की मिसेज बाहुबली
नीतू कुमारी, विभा देवी, अरुणा देवी, पूर्णिमा यादव और अनिता कुमारी केवल उदाहरण हैं। बिहार में ऐसी कई महिलाएं हैं, जिन्होंने अपने बाहुबली पति की मजबूरियों के कारण घर की देहरी पार कर राजनीति में कदम रखा है और चुनावी धरातल पर अपनी छाप छोड़ी है। यह महिलाओं की साहसिक राजनीति में भागीदारी और बिहार की अद्भुत चुनावी कहानियों का प्रतीक बन गई है।