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बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा आज

भारत निर्वाचन आयोग आज बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा करेगा। इस बार चुनाव कम चरणों में आयोजित किए जाने की संभावना है। सत्तारूढ़ एनडीए और विपक्ष ने मतदान की तिथियों पर सहमति जताई है। चुनाव आयोग ने सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए अधिक सुरक्षाकर्मियों की तैनाती का निर्णय लिया है। इसके साथ ही, वोटर लिस्ट में बदलाव के चलते यह पहला विधानसभा चुनाव होगा। जानें इस चुनाव की सभी महत्वपूर्ण जानकारियाँ।
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बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा आज

बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा

बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखें: भारत निर्वाचन आयोग आज शाम 4 बजे बिहार विधानसभा चुनाव की तिथियों का ऐलान करेगा। इस बार चुनाव पहले की तुलना में कम चरणों में आयोजित किए जाने की संभावना है। यह निर्णय चुनाव आयोग ने बिहार के दौरे के दौरान विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ चर्चा के बाद लिया। इस बैठक में सत्तारूढ़ एनडीए ने एक चरण में चुनाव कराने का अनुरोध किया, जबकि विपक्ष ने दो चरणों में चुनाव कराने की मांग की। दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए हैं कि मतदान छठ के तुरंत बाद होना चाहिए।


चुनाव आयोग की तीन सदस्यीय टीम ने बिहार में चुनाव की तैयारियों की दो दिवसीय समीक्षा की, जिसका नेतृत्व मुख्य चुनाव आयुक्त ने किया। उल्लेखनीय है कि 2020 के बिहार चुनाव में मतदान तीन चरणों में हुआ था। वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त हो रहा है। चुनाव आयोग आज तारीखों की घोषणा करेगा। इस बीच, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल भी कम चरणों में मतदान की तैयारी कर रहे हैं और मतदान केंद्रों की व्यवस्था कर रहे हैं।


सुरक्षा व्यवस्था में सुधार

पहले से ज्यादा सुरक्षाकर्मी होंगे तैनात:


इसका अर्थ है कि मतदान के दौरान अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाएंगे, ताकि चुनाव प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की बाधा न आए। चुनाव आयोग ने निर्णय लिया है कि अब हर मतदान केंद्र पर पहले के 1500 की बजाय 1200 मतदाता होंगे। यह कदम लंबी कतारों से बचने और लोगों के लिए मतदान को अधिक सुविधाजनक और तेज बनाने के लिए उठाया गया है.


SIR प्रक्रिया के तहत पहला विधानसभा चुनाव

SIR शुरू करने के बाद पहला विधानसभा चुनाव:


यह ध्यान देने योग्य है कि चुनाव आयोग ने बिहार में वोटर लिस्ट का SIR शुरू किया था, जिसके बाद यह पहला विधानसभा चुनाव होगा। इस प्रक्रिया के दौरान आयोग ने 68.5 लाख पुराने या अमान्य मतदाताओं को हटा दिया था। वहीं, इस लिस्ट में 21.53 लाख नए वोटर्स को जोड़ा गया है। इससे कुल वोटर्स की संख्या लगभग 7.42 करोड़ हो गई है। हालांकि, इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।