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बिहार सरकार का सख्त कदम: हड़ताल पर गए कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई

बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने हड़ताल पर गए 10,775 कर्मियों के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए उनका लॉगिन बंद कर दिया है। विभाग ने सभी हड़ताली कर्मियों को निर्देश दिया है कि वे तुरंत अपने कागजात जमा करें, अन्यथा उनके कार्यालय में प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आदेश जारी किए गए हैं, और यदि कर्मी काम पर लौटते हैं, तो उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी। जानें इस मामले में और क्या हो रहा है और जनहितकारी योजनाओं पर इसका क्या असर पड़ेगा।
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बिहार सरकार का सख्त कदम: हड़ताल पर गए कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई

बिहार सरकार की कार्रवाई

Bihar Government: बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने हड़ताल पर गए कर्मचारियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। पहले चरण में, 10,775 कर्मियों का लॉगिन बंद कर दिया गया है, जिसमें 446 एएसओ, 656 कानूनगो, 8,759 अमीन और 914 लिपिक शामिल हैं। हड़ताल के कारण आम जनता से जुड़े राजस्व कार्यों में रुकावट न आए, इसके लिए विभाग ने त्वरित कदम उठाए हैं। सभी हड़ताली कर्मियों को निर्देश दिया गया है कि वे तुरंत अपने अंचल कार्यालय में सभी सरकारी कागजात जमा करें। ऐसा न करने पर उनके कार्यालय में प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया जाएगा।


वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से निर्देश

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए निर्देश

मंगलवार को विभागीय मुख्यालय से सभी जिलों के अपर समाहर्ता (राजस्व) और बंदोबस्त अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आदेश दिए गए। जिलों से हड़ताल पर डटे कर्मचारियों की सूची मांगी गई है और सभी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।


कार्रवाई से बचने का अंतिम अवसर

कार्रवाई से बचने का आखिरी मौका

विभाग ने स्पष्ट किया है कि यदि सर्वेकर्मी तुरंत काम पर लौटते हैं, तो उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी और उनका लॉगिन फिर से चालू कर दिया जाएगा। लेकिन यदि वे हड़ताल जारी रखते हैं, तो सेवा समाप्ति तक की कार्रवाई की जाएगी।


जनहितकारी अभियानों पर प्रभाव रोकना

जनहितकारी अभियानों पर असर रोकना उद्देश्य

अधिकारियों के अनुसार, यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि राजस्व महा-अभियान जैसी जनहितकारी योजनाएं प्रभावित न हों और रैयतों की समस्याओं का समय पर समाधान हो सके। इस अभियान में राजस्व विभाग के साथ-साथ ग्रामीण विकास विभाग, अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण विभाग और पंचायती राज विभाग के कर्मचारी भी सहयोग कर रहे हैं।