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ब्रिटेन ने प्रवासियों के लिए नियमों में कड़ाई की, शरणार्थियों को मिले नए प्रतिबंध

ब्रिटेन ने प्रवासियों के लिए अपने नियमों को कड़ा करने का निर्णय लिया है, जिससे शरणार्थियों को स्थायी निवास और परिवारों के पुनर्मिलन में नई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। नए नियमों के तहत, शरणार्थियों को अब लंबे और जटिल मूल्यांकन से गुजरना होगा, और उन्हें कई शर्तें पूरी करनी होंगी। इस कदम का उद्देश्य अवैध प्रवास को रोकना है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इससे शरणार्थियों की स्थिति और भी अस्थिर हो सकती है।
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ब्रिटेन ने प्रवासियों के लिए नियमों में कड़ाई की, शरणार्थियों को मिले नए प्रतिबंध

ब्रिटेन में प्रवासियों के लिए नए नियम

अमेरिका के नक्शेकदम पर चलते हुए, ब्रिटेन ने भी प्रवासियों के लिए अपने नियमों को सख्त करने का निर्णय लिया है। बुधवार को जारी सरकारी आदेश के अनुसार, भविष्य में शरण लेने वाले व्यक्तियों को ब्रिटेन में स्थायी रूप से बसने या अपने परिवार को यहां लाने का अधिकार नहीं मिलेगा।


लेबर सरकार ने यह कदम तब उठाया है जब देश में पॉपुलिस्ट रिफॉर्म यूके पार्टी की लोकप्रियता बढ़ रही है। सरकार का उद्देश्य अवैध प्रवास को रोकना है, खासकर उन लोगों के लिए जो फ्रांस से इंग्लिश चैनल पार कर छोटी नावों से ब्रिटेन पहुंचते हैं।


स्थायी निवास की प्रक्रिया में बदलाव

स्थायी निवास की राह हुई लंबी


पहले के कानून के अनुसार, शरणार्थियों को पांच साल बाद स्थायी निवास का अधिकार मिलता था। लेकिन नए नियमों के तहत अब इस पर कोई स्वत: गारंटी नहीं होगी। आवेदकों को अब लंबे और जटिल मूल्यांकन से गुजरना होगा, जिसमें यह देखा जाएगा कि उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था और समाज में किस प्रकार का योगदान दिया है।


गृह मंत्री शबाना महमूद द्वारा प्रस्तुत योजना में बताया गया कि ब्रिटिश नागरिकता या स्थायी निवास के इच्छुक लोगों को कई शर्तें पूरी करनी होंगी। इनमें सामाजिक सुरक्षा योगदान, आपराधिक रिकॉर्ड से मुक्त होना, अंग्रेजी भाषा में दक्षता और समुदाय में स्वयंसेवा शामिल हैं। इसके अलावा, सरकार स्थायी निवास की योग्यता अवधि को दोगुना कर 10 साल करने की योजना बना रही है।


परिवारों के पुनर्मिलन पर रोक

परिवारों के पुनर्मिलन पर रोक


सरकार की घोषणा में यह भी स्पष्ट किया गया है कि शरणार्थी अब अपने परिवार के सदस्यों को ब्रिटेन नहीं बुला सकेंगे। दरअसल, सितंबर में ही सरकार ने पारिवारिक पुनर्मिलन से संबंधित सभी नए आवेदनों को खारिज कर दिया था।


मूल सुरक्षा का आश्वासन

मूल सुरक्षा बनी रहेगी, लेकिन स्पष्टता की कमी


हालांकि सरकार ने आश्वासन दिया है कि शरणार्थियों को उनके मूल देशों में वापस नहीं भेजा जाएगा और उन्हें मूलभूत सुरक्षा प्रदान की जाएगी। लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया गया कि सभी शर्तों को पूरा करने के बाद स्थायी निवास के लिए उन्हें कितने वर्षों तक इंतजार करना पड़ेगा। प्रशासन ने कहा कि इस बारे में विस्तृत दिशा निर्देश वर्ष के अंत तक साझा किए जाएंगे।


इन बदलावों को ब्रिटेन की अब तक की सबसे कड़ी आव्रजन नीतियों में से एक माना जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम देश में अवैध रूप से प्रवेश करने वालों पर अंकुश लगाने में मदद करेगा, लेकिन इससे शरणार्थियों की स्थिति और भी अस्थिर हो सकती है।