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ब्रिटेन ने फिलस्तीन को स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता दी

ब्रिटेन ने हाल ही में फिलस्तीन को एक स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता देने की घोषणा की है, जिससे क्षेत्र में शांति की संभावनाएं बढ़ी हैं। इस निर्णय की इजराइल ने आलोचना की है, जबकि कनाडा और ऑस्ट्रेलिया ने भी इसी दिशा में कदम उठाया है। जानें इस महत्वपूर्ण घटनाक्रम के पीछे के कारण और इसके संभावित प्रभाव।
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ब्रिटेन ने फिलस्तीन को स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता दी

ब्रिटेन की नई नीति

नई दिल्ली। एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रम में, ब्रिटेन ने फिलस्तीन को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में औपचारिक मान्यता देने का निर्णय लिया है। यह घोषणा ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने रविवार को की। इस कदम की इजराइल ने आलोचना की है। उल्लेखनीय है कि ब्रिटेन ने हाल ही में कहा था कि यदि इजराइल गाजा में जारी हमलों को रोकता नहीं है, तो वह फिलस्तीन को मान्यता देगा। कनाडा और ऑस्ट्रेलिया ने भी इसी संदर्भ में फिलस्तीन को स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता देने की घोषणा की है। ध्यान देने योग्य बात यह है कि ब्रिटेन एक परमाणु शक्ति है और उसके पास संयुक्त राष्ट्र में वीटो शक्ति है, इसलिए इसका यह निर्णय महत्वपूर्ण है।


शांति की दिशा में कदम

ब्रिटेन ने स्पष्ट किया है कि फिलस्तीन को मान्यता देने का यह निर्णय इजराइल के अवैध कब्जे को समाप्त करने और क्षेत्र में शांति स्थापित करने में सहायक होगा। इसके तहत एक नई फिलिस्तीनी सरकार इजराइल के साथ सहयोग करेगी, जिसमें हमास का कोई प्रभाव नहीं होगा। उल्लेखनीय है कि भारत और चीन सहित 140 से अधिक देशों ने पहले ही फिलस्तीन को मान्यता दी है।


ब्रिटेन का दृष्टिकोण

ब्रिटेन ने कहा कि यह निर्णय इजराइल को दंडित करने के लिए नहीं लिया गया है, लेकिन यदि इजराइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने गाजा में सैन्य कार्रवाई को कम हिंसक तरीके से और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन करते हुए किया होता, तो शायद यह कदम नहीं उठाया जाता। ब्रिटेन, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया का यह निर्णय महत्वपूर्ण है क्योंकि ये सभी देश वैश्विक संगठनों के प्रमुख सदस्य हैं।