Newzfatafatlogo

भारत और श्रीलंका में होने वाले ICC T20 वर्ल्ड कप 2026 के लिए टीम का चयन

भारत ने ICC T20 वर्ल्ड कप 2026 के लिए अपनी प्रारंभिक टीम की घोषणा की है, जिसमें कई युवा खिलाड़ियों को शामिल किया गया है। चयनकर्ताओं ने पिछले प्रदर्शन के बजाय भविष्य की रणनीति को ध्यान में रखा है। इस टीम में कुछ प्रमुख खिलाड़ियों का चयन नहीं किया गया है, जिससे चयन प्रक्रिया पर चर्चा हो रही है। जानें इस चयन के पीछे की रणनीति और टीम में शामिल खिलाड़ियों के बारे में।
 | 
भारत और श्रीलंका में होने वाले ICC T20 वर्ल्ड कप 2026 के लिए टीम का चयन

टी20 वर्ल्ड कप 2026 का प्रारंभ

आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप 2026 का आयोजन भारत और श्रीलंका में 7 फरवरी 2026 से शुरू होगा। भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने इस टूर्नामेंट से लगभग सात हफ्ते पहले डिफेंडिंग चैंपियन टीम इंडिया का प्रारंभिक स्क्वाड घोषित किया है। यह चयन केवल खिलाड़ियों की सूची नहीं है, बल्कि भविष्य की रणनीति, युवा खिलाड़ियों पर भरोसा और महत्वपूर्ण निर्णयों का संकेत भी है।


महत्वपूर्ण चयन निर्णय

टी20 फॉर्मेट में टीम का संतुलन, फिटनेस और हालिया प्रदर्शन की अहमियत होती है। इस प्रारंभिक स्क्वाड से स्पष्ट है कि चयनकर्ता अगले दो वर्षों की तैयारी को ध्यान में रखकर निर्णय ले रहे हैं, न कि केवल पिछले प्रदर्शन के आधार पर।


समय से पहले टीम का चयन

भारत ने आईसीसी द्वारा निर्धारित समयसीमा से पहले अपनी प्रारंभिक टीम की घोषणा की है। नियमों के अनुसार, टूर्नामेंट से एक महीने पहले प्रारंभिक स्क्वाड देना आवश्यक है, ताकि वीजा और लॉजिस्टिक व्यवस्थाएं समय पर हो सकें। भारत ने यह प्रक्रिया लगभग 49 दिन पहले पूरी कर ली है, जो उनकी तैयारी की गंभीरता को दर्शाता है। यह टीम जनवरी में न्यूजीलैंड के खिलाफ होने वाली पांच टी20 मैचों की श्रृंखला में भी खेलती नजर आएगी।


टीम में संभावित बदलाव

आईसीसी के नियम चयनकर्ताओं को लचीलापन प्रदान करते हैं। प्रारंभिक स्क्वाड में बदलाव टूर्नामेंट शुरू होने से एक सप्ताह पहले तक किया जा सकता है। इसका अर्थ है कि भारत के पास 31 जनवरी 2026 तक अंतिम टीम तय करने का विकल्प रहेगा। पिछले वर्ल्ड कप में भी भारत ने ऐसे बदलाव किए हैं, इसलिए प्रदर्शन और फिटनेस महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।


2024 की विजेता टीम से भिन्नता

टी20 वर्ल्ड कप 2024 की विजेता टीम के सात खिलाड़ी इस प्रारंभिक स्क्वाड में शामिल नहीं हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह निर्णय भावनाओं से अधिक आंकड़ों और भविष्य की आवश्यकताओं पर आधारित है। कप्तान सूर्यकुमार यादव की अगुवाई में चुनी गई टीम की औसत आयु भी पिछले बार से कम है, जो तेज क्रिकेट के लिए महत्वपूर्ण है।


आईपीएल का प्रभाव और टीम का संतुलन

इस स्क्वाड में लगभग सभी आईपीएल फ्रेंचाइजी का प्रतिनिधित्व है। मुंबई इंडियंस से सबसे अधिक खिलाड़ी चुने गए हैं, जबकि कोलकाता नाइट राइडर्स, हैदराबाद, चेन्नई और दिल्ली का भी मजबूत योगदान है। कुछ सफल फ्रेंचाइजियों से किसी खिलाड़ी का न होना चयन नीति की निष्पक्षता को दर्शाता है।


क्रिकेट विश्लेषकों का मानना है कि आईपीएल प्रदर्शन को भूमिका आधारित चयन से जोड़ा गया है, न कि केवल टीम की ब्रांड वैल्यू से।


शुभमन गिल का चयन से बाहर होना

शुभमन गिल को टीम में जगह न मिलने की चर्चा सबसे अधिक है। अगस्त में एशिया कप के दौरान उन्हें उपकप्तान बनाया गया था, लेकिन हाल के टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में उनका प्रदर्शन प्रभावशाली नहीं रहा। 15 पारियों में एक भी अर्धशतक न बना पाना एक टॉप ऑर्डर बल्लेबाज के लिए चिंता का विषय है। सूत्रों के अनुसार, चयन से जुड़ी जानकारी उन्हें औपचारिक रूप से नहीं दी गई, जिससे विवाद बढ़ गया।


घरेलू क्रिकेट का इनाम ईशान किशन को

ईशान किशन की वापसी को चयन की सकारात्मक कहानी माना जा रहा है। झारखंड की कप्तानी करते हुए उन्होंने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी जीती और सबसे अधिक रन बनाए। लंबे समय से यह सवाल उठता रहा है कि घरेलू प्रदर्शन को कितना महत्व दिया जाता है। इस चयन से यह संदेश गया है कि मजबूत घरेलू फॉर्म को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा।


रिंकू सिंह पर फिनिशर के रूप में भरोसा

रिंकू सिंह को टी20 फिनिशर के रूप में चुना गया है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनका स्ट्राइक रेट 160 से ऊपर है, जबकि डेथ ओवरों में यह लगभग 196 तक पहुंच जाता है। ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हालिया श्रृंखला में मौके न मिलने के बावजूद चयनकर्ताओं ने उनकी क्षमता पर भरोसा जताया है।


नए और अनुभवी खिलाड़ियों का मिश्रण

इस स्क्वाड में 2024 वर्ल्ड कप जीतने वाले आठ खिलाड़ी शामिल हैं, जबकि कुछ युवा खिलाड़ी पहली बार टी20 वर्ल्ड कप खेलेंगे। इससे अनुभव और नई ऊर्जा का संतुलन बनता है। स्पिन विभाग में भी कई विकल्प रखे गए हैं, जिससे पिच और विरोधी टीम के अनुसार संयोजन बदला जा सके।


आगे की योजना

अब ध्यान न्यूजीलैंड श्रृंखला और फिटनेस रिपोर्ट पर रहेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि अंतिम टीम उन्हीं खिलाड़ियों से बनेगी, जो दबाव में निरंतर प्रदर्शन कर सकेंगे। चयनकर्ताओं के लिए यह संतुलन बनाना सबसे बड़ी चुनौती होगी।