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भारत का एक्सियोम-4 मिशन: शुभांशु शुक्ला का अंतरिक्ष सफर

भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला का एक्सियोम-4 मिशन 25 जून को लॉन्च हुआ और आज यह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से डॉक करेगा। इस मिशन का महत्व भारत के लिए अत्यधिक है, क्योंकि यह ISRO के गगनयान मिशन को प्रोत्साहित करेगा। शुभांशु 14 दिनों तक ISS में रहकर कई रिसर्च करेंगे, जो भारतीय युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा। जानें इस मिशन के बारे में और अधिक जानकारी।
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भारत का एक्सियोम-4 मिशन: शुभांशु शुक्ला का अंतरिक्ष सफर

एक्सियोम-4 मिशन का अद्यतन

एक्सियोम-4 मिशन का नवीनतम अपडेट: भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला का एक्सियोम-4 मिशन 25 जून, बुधवार को सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया। आज, 26 जून को, शुभांशु का ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से डॉक करेगा। यह स्पेसक्राफ्ट लगभग 28 घंटे की यात्रा के बाद ISS तक पहुंचेगा और लगभग साढ़े 4 बजे डॉकिंग करेगा। शुभांशु इस मिशन के पायलट हैं और उनके साथ तीन अन्य अंतरिक्ष यात्री हैं, जिनमें एक कमांडर और दो स्पेस रिसर्च विशेषज्ञ शामिल हैं। सभी चार अंतरिक्ष यात्री 14 दिनों तक ISS में रहेंगे। एक्सियोम-4 मिशन भारतीय समयानुसार 25 जून को दोपहर करीब 12 बजे फ्लोरिडा के नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च हुआ। स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट द्वारा ड्रैगन कैप्सूल में ये एस्ट्रोनॉट्स प्राइवेट मिशन पर अंतरिक्ष में गए हैं। शुभांशु के परिवार ने इस लॉन्च को लाइव देखा।


एक्सियोम-4 मिशन का महत्व

एक्सियोम-4 मिशन भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण


यह ध्यान देने योग्य है कि एक्सियोम-4 मिशन तीन स्पेस एजेंसियों का संयुक्त प्रयास है। इसे अमेरिका की NASA, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) ने मिलकर तैयार किया है। अमेरिका की एक्सियोम कंपनी ने इस मिशन को विकसित किया है, जो भविष्य में कमर्शियल स्पेस स्टेशन स्थापित करने की योजना बना रही है। इस प्राइवेट मिशन से स्पेस ट्रैवल सेक्टर को भी बढ़ावा मिलेगा।


शुभांशु शुक्ला का यह मिशन भारत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसकी सफलता से 2027 में लॉन्च होने वाले ISRO के गगनयान मिशन को प्रोत्साहन मिलेगा। शुभांशु द्वारा लाए गए डेटा से ISRO के स्पेस प्रोग्राम को नई दिशा मिलेगी। भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर की यह अंतरिक्ष यात्रा युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी, जिससे वे भी अंतरिक्ष यात्री बनने की सोच सकेंगे। यह मिशन युवाओं को स्पेस की दुनिया में आने के लिए प्रेरित करेगा।


ISS में शुभांशु शुक्ला के कार्य

ISS में शुभांशु शुक्ला के कार्य


शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में 7 रिसर्च प्रोजेक्ट्स पर काम करेंगे, जो सभी भारतीय शैक्षणिक संस्थानों द्वारा संचालित हैं। इसके अलावा, वे NASA के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर 5 और रिसर्च करेंगे। ISS से शुभांशु शुक्ला प्रधानमंत्री मोदी से भी बातचीत कर सकते हैं।