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भारत का समुद्री खाद्य निर्यात ब्रिटेन में बढ़ेगा, नया व्यापार समझौता हुआ लागू

भारत ने ब्रिटेन के साथ एक महत्वपूर्ण व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे भारतीय समुद्री खाद्य निर्यातक अब वियतनाम और सिंगापुर के साथ समान प्रतिस्पर्धात्मक स्थिति में आ गए हैं। यह समझौता पहले के शुल्कों के कारण होने वाले नुकसान को समाप्त करता है और भारतीय कंपनियों को ब्रिटेन के समुद्री खाद्य बाजार में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी प्राप्त करने का अवसर प्रदान करता है। उद्योग का अनुमान है कि इस समझौते के परिणामस्वरूप आने वाले वर्षों में ब्रिटेन को समुद्री निर्यात में 70 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिलेगी।
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भारत का समुद्री खाद्य निर्यात ब्रिटेन में बढ़ेगा, नया व्यापार समझौता हुआ लागू

भारत और ब्रिटेन के बीच नया व्यापार समझौता

हाल ही में भारत ने ब्रिटेन के साथ एक महत्वपूर्ण व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे भारतीय समुद्री खाद्य निर्यातक अब वियतनाम और सिंगापुर के साथ समान प्रतिस्पर्धात्मक स्थिति में आ गए हैं।


इस समझौते के तहत, पहले के शुल्कों के कारण होने वाले नुकसान को समाप्त किया गया है, जैसा कि मत्स्य पालन मंत्रालय ने बताया। यह समझौता भारतीय समुद्री उत्पादों को वियतनाम और सिंगापुर के प्रतिस्पर्धियों के बराबर लाता है, जो पहले से ही ब्रिटेन-वियतनाम मुक्त व्यापार समझौते (यूके-वीएफटीए) और ब्रिटेन-सिंगापुर मुक्त व्यापार समझौते (यूके-एसएफटीए) का लाभ उठा रहे थे।


मंत्रालय ने कहा कि भारतीय निर्यातकों को पहले शुल्क बाधाओं का सामना करना पड़ता था, जिससे उन्हें झींगा मछली और अन्य मूल्यवर्धित समुद्री खाद्य उत्पादों के लिए प्रतिस्पर्धा में नुकसान उठाना पड़ता था।


इस समझौते के माध्यम से, भारतीय कंपनियों को देश की उत्पादन क्षमता, कुशल कार्यबल और उन्नत ट्रेसेबिलिटी सिस्टम का लाभ उठाने का अवसर मिलेगा, जिससे वे ब्रिटेन के समुद्री खाद्य बाजार में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी प्राप्त कर सकेंगी।


यह व्यापार समझौता भारतीय निर्यातकों को ब्रिटेन के बाजार में विविधता लाने का मौका भी देता है, जिससे वे अमेरिका और चीन जैसे पारंपरिक बाजारों पर अपनी निर्भरता को कम कर सकेंगे।


मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, इस समझौते के परिणामस्वरूप, उद्योग का अनुमान है कि आने वाले वर्षों में ब्रिटेन को समुद्री निर्यात में 70 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिलेगी।


विश्लेषकों का मानना है कि यह समझौता वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं के पुनर्गठन के समय पर हुआ है, जब देश अपने आयात स्रोतों में विविधता लाने पर विचार कर रहे हैं।


वर्ष 2024-25 में भारत का कुल समुद्री खाद्य निर्यात 60,523 करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है, जो 17.8 लाख टन के बराबर है। हालांकि, ब्रिटेन के 5.4 अरब डॉलर के समुद्री खाद्य आयात बाजार में भारत की हिस्सेदारी केवल 2.25 प्रतिशत है।