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भारत की अमीर देशों की सूची में चौथा स्थान: नाइट फ्रैंक की रिपोर्ट

भारत ने नाइट फ्रैंक की ग्लोबल वेल्थ रिपोर्ट 2025 में चौथा स्थान प्राप्त किया है, जो इसे अमीर देशों की सूची में शामिल करता है। इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत में अरबपतियों की संख्या में वृद्धि हो रही है, जो 191 तक पहुंच गई है। जानें कि भारत को इस सूची में शामिल होने के लिए क्या आवश्यक है और कैसे स्टार्टअप्स ने देश की आर्थिक स्थिति को बदल दिया है।
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भारत की अमीर देशों की सूची में चौथा स्थान: नाइट फ्रैंक की रिपोर्ट

भारत की आर्थिक प्रगति

Richest Countries List: भारत एक तेजी से उभरता हुआ देश है, जिसकी अर्थव्यवस्था हाल के वर्षों में काफी तेजी से विकसित हुई है। नाइट फ्रैंक द्वारा जारी की गई एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत अब रईसों की संख्या में शीर्ष देशों में शामिल हो गया है। ग्लोबल वेल्थ रिपोर्ट 2025 में यह जानकारी दी गई है कि भारत अब वैश्विक धन में प्रमुख स्थान पर है, जहां HNWIs की संख्या 85,698 है।


सबसे अमीर देशों की सूची

कौन से देश सबसे अमीर?


इस नई रिपोर्ट के अनुसार, भारत अब अमीर देशों की सूची में चौथे स्थान पर है, जबकि अमेरिका पहले, चीन दूसरे और जापान तीसरे स्थान पर है। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि अमीरों की संख्या में और वृद्धि होने की संभावना है।


भारत का अरबपति बनने का सफर

तीसरा अरबपति कैसे बना भारत?


भारत HMWIs की सूची में चौथे स्थान पर है, और यहां अरबपतियों की संख्या अन्य देशों की तुलना में अधिक है। 2024 में भारत में अरबपतियों की संख्या 12% की वृद्धि के साथ 191 तक पहुंच गई है, जिनकी कुल संपत्ति 950 अरब डॉलर है। यह अमेरिका (5.7 ट्रिलियन डॉलर) और चीन (1.34 ट्रिलियन डॉलर) के बाद भारत को तीसरे स्थान पर लाता है।


भारत में टॉप 1% में शामिल होने की आवश्यकता

कैसे शामिल होगा टॉप देशों में भारत?


इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, भारत को सबसे अमीर देशों के क्लब में शामिल होने के लिए 1.52 करोड़ रुपये की आवश्यकता है। अद्वैत अरोड़ा, एक निवेश सलाहकार, बताते हैं कि मोनाको में शीर्ष 1% में शामिल होने के लिए 107 करोड़ रुपये की संपत्ति होनी चाहिए।


स्टार्टअप्स का योगदान

स्टार्टअप्स ने बदली भारत की शक्ल


भारत में अमीरों की संख्या 85,698 हो चुकी है, जिसका श्रेय देश के युवाओं द्वारा शुरू किए गए स्टार्टअप्स को दिया जा सकता है। इसके अलावा, रियल एस्टेट क्षेत्र में भी वृद्धि हुई है।