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भारत की नई ड्रोन फोर्स: युद्ध की तैयारी में एक कदम आगे

भारत अपनी नई ड्रोन फोर्स के साथ भविष्य के युद्धों के लिए तैयार हो रहा है। इस ड्रोन फोर्स का उपयोग जल, थल और वायु तीनों सेनाएं करेंगी, जिससे दुश्मनों पर आसमान से बमबारी की जाएगी। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान में आतंक फैलाने के बाद, पाकिस्तान ने अपनी सुरक्षा को मजबूत किया है। जानें कैसे भारत की यह नई रणनीति पाकिस्तान में हलचल मचा रही है और किस प्रकार की ड्रोन तकनीक का उपयोग किया जा रहा है।
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भारत की नई ड्रोन फोर्स: युद्ध की तैयारी में एक कदम आगे

भारत की ड्रोन फोर्स की तैयारी

भारत भविष्य के युद्धों के लिए अपनी तैयारी को मजबूत कर रहा है। देश अब तक की सबसे शक्तिशाली ड्रोन फोर्स का निर्माण कर रहा है, जिसका उपयोग जल, थल और वायु तीनों सेनाएं करेंगी। भारतीय सेना के जवान तेजी से ड्रोन हमले करेंगे, जिससे दुश्मनों पर आसमान से बमबारी की जाएगी। इस संदर्भ में, यह सवाल उठता है कि क्या मुनीर की मौत आसमान से आएगी? भारतीय वायुसेना ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान में आतंक फैला दिया था, जिससे 25 करोड़ पाकिस्तानी और मुल्ला मुनीर भयभीत हो गए थे। उस समय का हवाई हमला केवल एक झलक था, असली कार्रवाई अब शुरू होने वाली है.


ड्रोन की तैनाती और क्षमताएँ

भारतीय सेना अब हर कोर में ड्रोन फोर्स को तैनात करने की योजना बना रही है। प्रत्येक सैन्य कोर के पास लगभग 10,000 ड्रोन होंगे, जो निगरानी और हमले दोनों में सक्षम होंगे। यह दर्शाता है कि भारत की तीनों सेनाएं भविष्य के युद्ध के लिए पहले से ही रणनीति बना रही हैं। किलर ड्रोन भारतीय सेना के लिए एक गेम चेंजर साबित होंगे, जिनका उद्देश्य दुश्मनों को खोजकर समाप्त करना होगा। इस योजना से पाकिस्तान में हलचल मची हुई है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय हमलों से घबराकर पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा के पास ड्रोन-रोधी तैनाती में वृद्धि की है।


ड्रोन तैनाती के क्षेत्र

सेक्टरवार जानकारी के अनुसार, रावलकोट में ड्रोन रोधी उपकरणों का संचालन दूसरी आज़ाद कश्मीर ब्रिगेड द्वारा किया जाता है, जो पुंछ सेक्टर में भारतीय चौकियों के सामने स्थित क्षेत्रों की देखरेख करती है। कोटली में यह जिम्मेदारी तीसरी आज़ाद कश्मीर ब्रिगेड के पास है, जिसमें राजौरी, पुंछ, नौशेरा और सुंदरबनी के क्षेत्र शामिल हैं। भीमबर सेक्टर की जिम्मेदारी सातवीं आज़ाद कश्मीर ब्रिगेड के पास है। नियंत्रण रेखा के साथ पाकिस्तान ने अमेरिकी मिसाइल प्रणालियों को भी शामिल किया है।


पाकिस्तान की वायु रक्षा तैयारी

पाकिस्तान ने ड्रोन के खिलाफ अपनी सुरक्षा को मजबूत करने के लिए कई प्रमुख सिस्टम तैनात किए हैं। इनमें स्पाइडर काउंटर-यूएएस सिस्टम शामिल है, जो 10 किलोमीटर तक छोटे और बड़े ड्रोन का पता लगाने में सक्षम है। इसके अलावा, सफराह एंटी-यूएवी जैमिंग गन का उपयोग किया जा रहा है, जो ड्रोन के नियंत्रण और वीडियो लिंक को बाधित करने के लिए डिज़ाइन की गई है। इसके साथ ही, पाकिस्तान ने पारंपरिक वायु रक्षा हथियारों का भी इस्तेमाल किया है, जैसे ओर्लिकॉन जीडीएफ 35 मिमी विमानरोधी बंदूकें और अंज़ा एमके-II और एमके-III पोर्टेबल वायु रक्षा प्रणाली।